जानिए शुभ फल की प्राप्ति के लिए एकदंत संकष्टी चतुर्थी के पूजा विधि के बारे में
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है। वहीं आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी कृष्णपिंगल चतुर्थी कहलाती है। इस बार कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 17 जून, शुक्रवार को है। प्रत्येक माह की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। इस दिन भक्तगण सुख, शांति और समृद्धि के लिए एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। भगवान गणेश भक्तों के लिए विघ्नहर्ता माने जाते हैं। कहा जाता है विघ्नहर्ता की पूजा करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर होते हैं। गणेश जी प्रथम पूज्य हैं और शुभता के भी प्रतीक हैं। मान्यता है कि इस दिन गणपति की पूजा तथा व्रत रखने से ज्ञान और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। तो चलिए जानते हैं शुभ फल की प्राप्ति के लिए एकदंत संकष्टी चतुर्थी के पूजा विधि के बारे में...