जानिए देवशयनी एकादशी व्रत के नियमों के बारे में
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) 10 जुलाई दिन रविवार को है. इस व्रत को करने से समस्त पापों का नाश होता है
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) 10 जुलाई दिन रविवार को है. इस व्रत को करने से समस्त पापों का नाश होता है. भगवान विष्णु के आशीर्वाद से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 09 जुलाई की शाम से प्रारंभ हो रही है. इसे देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी कहते हैं. इस दिन से भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में होते हैं. इस दिन से ही चातुर्मास प्रारंभ हो जाता है. देवशयनी एकादशी व्रत को करने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना अतिआवश्यक है. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं देवशयनी एकादशी व्रत के नियमों के बारे में.
देवशयनी एकादशी मुहूर्त 2022
देवशयनी एकादशी तिथि का प्रारंभ: 09 जुलाई, दिन: शनिवार, शाम 04:39 बजे से
देवशयनी एकादशी तिथि का समापन: 10 जुलाई, दिन: रविवार, दोपहर 02:13 बजे तक
व्रत रखने का दिन: 10 जुलाई, रविवार
शुभ योग: प्रात:काल से देर रात 12:45 बजे तक
रवि योग: प्रात: 05:31 बजे से 11 जुलाई को सुबह 09:55 बजे तक
देवशयनी एकादशी व्रत का पारण समय: 11 जुलाई, दिन: सोमवार, प्रात: 05:31 बजे से प्रात: 08:17 बजे के मध्य तक
देवशयनी एकादशी व्रत के नियम
1. देवशयनी एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को दशमी के दिन यानी 09 जुलाई के दिन से तामसिक भोजन और विचारों का सेवन बंद कर देना चाहिए.
2. तामसिक खाद्य पदार्थों में मांस, लहसुन, प्याज के अलावा शराब, सिगरेट, तंबाकू आदि भी शामिल है. इनसे परहेज करें.
3. देवशयनी एकादशी व्रत आप अपने पापों से मुक्ति के लिए करते हैं, तो इस दिन आपको दूसरों के प्रति घृणा, क्रोध, गलत विचार, बूरे कर्मों से दूर रहना चाहिए.
4. एकादशी व्रत वाले दिन संभव हो, तो आप पीले रंग के कपड़े पहनें. भगवान विष्णु का प्रिय रंग पीला है.
5. घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करके व्रत का पूजन करें, तो धन और धान्य में वृद्धि होती है.
6. देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत, तुलसी का पत्ता, पीले फूल, केसर, हल्दी का विशेष उपयोग करना चाहिए.
7. एकादशी के दिन नाखून, बाल, दाढ़ी आदि नहीं कटाना चाहिए. इस दिन साबुन, तेल आदि का उपयोग वर्जित माना जाता है.
8. इनके अलावा अन्य एकादशी व्रतों के नियम भी इसमें लागू होते हैं..