Shri Krishna: सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा बेहद ही शुभ मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि मुरलीधर की पूजा करने से जीवन के सभी दुखों का नाश होता है। साथ ही साहस, बुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, कान्हा (Shri Krishna) 16 कलाओं से परिपूर्ण इकलौते अवतार हैं, जिन्होंने सभी चीजों पर महारथ हासिल कर रखी हैं, आज हम उनकी इन्हीं 16 कलाओं के बारे में बताएंगे, जिसका पाठ भी पुण्यदायी माना गया है, तो आइए जानते हैं -
श्री धन संपदा
भू संपत्ति
कीर्ति संपदा Kirti Sampada
वाणी की सम्मोहकता
लीला की कला
कांति
विद्या
विमला
उत्कर्षिणि शक्ति
नीर-क्षीर विवेक
क्रिया कर्मण्यता
योगशक्ति
विनय
सत्य धारणा
आधिपत्य
अनुग्रह क्षमता
क्यों जरूरी है इन 16 कलाओं के बारे में जानना
हिंदू धर्मग्रंथों Hindu scriptures और पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रीकृष्ण Sri Krishna की ये 16 कलाएं इस बात का एक आदर्श उदाहरण हैं कि लोग कैसे सर्वश्रेष्ठ चीजों को प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि मनुष्य इन कलाओं के बारे में अच्छे से जान ले, तो उसे जीवन के किसी भी क्षेत्र में असफलता प्राप्त नहीं होगी। साथ ही इनके अभ्यास से उसका जीवन संतुलित बना रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलते हैं, उन जातकों का जीवन सदैव सुखी रहता है।
इनके बिना मुरलीधर की पूजा है अधूरी
ऐसा कहा जाता है कि जो लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। दरअसल, उनकी पूजा तुलसी दल के बिना कभी भी न करें। उनके साथ राधा रानी की पूजा जरूर करें। यही नहीं कृष्ण भक्त को गौ सेवा भी करनी चाहिए, क्योंकि माना जाता है इनके बिना कृष्ण जी की पूजा अधूरी है। इसके अलावा उनकी 16 कलाओं का पाठ करना चाहिए, जो परम लाभकारी है।