जानिए गणेश जी के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें

आज बुधवार का दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश (Lord Ganesha) जी की पूजा के लिए उत्तम होता है. गणेश जी की पूजा करने से बिगड़े काम बनते हैं, सौभाग्य बढ़ता है

Update: 2022-06-22 09:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज बुधवार का दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश (Lord Ganesha) जी की पूजा के लिए उत्तम होता है. गणेश जी की पूजा करने से बिगड़े काम बनते हैं, सौभाग्य बढ़ता है, शुभता में वृद्धि होती है और मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है. आपको पता है कि गणेश जी का जन्म माता पार्वती ने एक पुतले में प्राण-प्रतिष्ठा करके किया था. गणेश जी के जीवन से कई जुड़ी कई रोचक कथाएं भी हैं, जो उनकी बुद्धि, चतुराई का परिचय देती हैं. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं गणेश जी के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें.

1. गणेश जी चतुर्थी तिथि और बुधवार दिन के अधिपति देव है. इनकी आराधना से बुध ग्रह के दोष भी दूर होते हैं.
2. गणेश जी का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चर्तुथी ति​थि को दोपहर में हुआ था. इस वजह से हर साल भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है.
3. गणेश जी की चार भुजाएं हैं और वे अपनी चारों भुजाओं में क्रमश: अंकुश, पाश, मोदक से भरा पात्र और वरद मुद्रा धारण करते हैं.
4. वे रक्त के समान रंग वाले, पीले वस्त्र पहनने वाले, बड़े पेट वाले और कानों वाले हैं. वे लाल चंदन धारण करते हैं.
5. गणेश जी को भोग में मोदक प्रिय है और फूलों में लाल रंग का पुष्प उनको भाता है. शमी का पेड़ या केले का पौधा भी उनको प्रिय है.
6. पूजा के समय उनके मस्तक पर दूर्वा अर्पित करने से वे बहुत प्रसन्न होते हैं. दूर्वा उनकी सबसे प्रिय वस्तु है.
7. अलग अलग युगों में उनका वाहन भी अलग अलग हैं. द्वापर में मूषक, सतयुग में सिंह, त्रेता युग में मयूर और कलयुग में घोड़ा वाहन है.
8. इस प्रकार से ही वे चारों युगों में अलग अलग नाम से प्रसिद्ध हैं. गणेश जी सतयुग में विनायक, त्रेतायुग में मयूरेश्वर, द्वापर युग में गजानन और कलयुग में धूम्रकेतु के नाम से जाने जाते हैं.
9. गणेश जी की दो पत्नी ऋद्धि और सिद्धि हैं. ये दोनों भगवान विश्वकर्मा की पुत्री हैं.
10. गणेश जी के दो पुत्र शुभ और लाभ हैं. उनके दो पौत्र आमोद और प्रमोद हैं
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