जानिए सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के 10 बड़े लाभ

हिंदू धर्म में भगवान शिव की भक्ति और पूजा के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माना गया है

Update: 2022-07-12 09:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में भगवान शिव की भक्ति और पूजा के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माना गया है. श्रावण (Shrawan) मास में विधि-विधान से शिव साधना करने पर व्यक्ति के सभी प्रकार के संकट और बाधाएं दूर होती हैं और उसे जीवन से जुड़े से सभी सुखों की प्राप्ति होती है. देवों के देव महादेव (Mahadev) की पूजा के बारे में मान्यता है कि जो कोई व्यक्ति सच्चे मन से उनकी साधना करता है, उसे जीवन में कभी किसी चीज का भय नहीं रहता है और वह शिव की कृपा से दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की करता है. आइए औढरदानी भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की पूजा के 10 चमत्कारिक लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं.

जीवन में कई बार कुछ लोगों के जीवन में पग-पग में अड़चनें आती हैं और तमाम कोशिशों के बाद भी दूर नहीं होती हैं. यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा है तो इस श्रावण मास में भगवान शिव की साधना पूरे विधिन-विधान से करें. ऐसा करने पर शिव कृपा से आपकी सफलता के मार्ग में आने वाली सभी बाधाएं शीघ्र ही दूर हो जाएंगी.
यदि आपको लगता है कि आपको या फिर आपके अपनों को या फिर आपके घर या सामान आदि को आए दिन किसी की बुरी नजर लग जाती है तो आप उससे बचने के लिए प्रतिदिन भगवान शिव की साधना करें. मान्यता है कि शिव की पूजा करने वाले साधक को कभी नजर नहीं लगती है.
भगवान शिव की साधना शत्रुओं पर विजय दिलाने वाली मानी गई है. ऐसे में यदि आपको हर समय जाने-अनजाने शत्रुओं का खतरा बना रहता है तो आप श्रावण मास में प्रतिदिन विधि-विधान से शिव पूजन करें.
भगवान शिव की साधना से संतान सुख की प्राप्ति होती है. यदि आपकी यह कामना अभी अधूरी है तो स्वस्थ, सुंदर और गुणी संतान की प्राप्ति के लिए श्रावण में मार्कंडेय महादेव की साधना करें. संतान प्राप्ति के लिए सावन के महीने में दूध में चंदन मिलाकर शिव की साधना का विधान है.
भगवान शिव की साधना करने वाले पुरुष हो या फिर स्त्री जीवन में मनचाहा जीवनसाथी मिलता है. यदि आपको अभी तक सच्चा जीवनसाथी नहीं मिल पाया है तो उसे पाने के लिए सावन के महीने में पड़ने वाले प्रदोष में विशेष रूप से पूजा करें.
भगवान शिव को आरोग्य का देवता भी माना जाता है. आरोग्य का सुख पाने के लिए उनके भक्त बाबा वैद्यनाथ की विशेष रूप से पूजा करते हैं. मान्यता है कि सच्चे मन से शिव की साधना करने वाले भक्त को कभी किसी प्रकार का रोग-शोक नहीं सताता है और सुखी जीवन जीता है.
कहते हैं अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का, काल उसका क्या करे जो भक्त महाकाल का. भगवान शिव जिन्हें मृत्युंजय भी कहा जाता है, उनकी साधना करने वाले भक्त को कभी अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है.
यदि आपको लगता है कि आपके परिवार के प्रेम और सामंजस्य को किसी की बुरी नजर लग गई है और हर समय छोटी-छोटी बातों को लेकर कलह होती रहती है तो उसे दूर करने और सुख-शांति को पाने के लिए शिव साधना सबसे उत्तम उपाय माना गया है. भगवान शिव को गृहस्थ जीवन का आदर्श माना जाता है, ऐसे में पारिवारिक सुख को पाने के लिए शिव की साधना जरूर करें.
कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव की साधना करने वाले भक्त को जीवन में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं रहती है. श्रावण मास में शिव की साधना करने पर आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं और शिव कृपा से घर धन-धान्य से भरा रहता है.
यदि आपको लगता है कि आपके भीतर जीवन से जुड़ी तमाम तरह परेशानियों का मुकाबला करने में दिक्कत होती है, या फिर कहें आपको उनका सामना करने से डर लगता है तो अपने आत्मबल को बढ़ाने और उनसे पार पाने के लिए शिव साधना करें.
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