14 जनवरी को समाप्त हो रहा है खरमास, इस सूर्य स्तुति का करे पाठ
आदित्य और भास्कर के नाम से जाने जाने वाले भगवान सूर्य संपूर्ण जगत को प्रकाशित करते हैं। उनके प्रकाश से ही संपूर्ण चराचर जगत चलायमान है।
आदित्य और भास्कर के नाम से जाने जाने वाले भगवान सूर्य संपूर्ण जगत को प्रकाशित करते हैं। उनके प्रकाश से ही संपूर्ण चराचर जगत चलायमान है। भगवान सूर्य को प्रत्यक्ष देवता की श्रेणी में रखा गया है। मान्यता है कि भगवान सूर्य प्रतिदिन दर्शन दे कर सभी प्राणियों में ऊर्जा का संचार करते हैं और उनके कष्टों को हरते हैं। पौष माह में भगवान सूर्य का पूजन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इसके साथ ही पंचांग गणना के अनुसार अभी खरमास भी चल रहा है। इस काल में भगवान सूर्य का पूजन विशेष फलदायी माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 14 जनवरी के दिन जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब तक के खरमास माना जाएगा। इस दिन मकर संक्रांति का स्नान किया जाता है। खरमास में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। लेकिन इस काल में भगवान सूर्य का पूजन करने का विधान है।
खरमास में नियमित रूप से भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य प्रदान करना चाहिए। इसके साथ ही भगवान सूर्य की इस स्तुति का पाठ करना विशेष तौर पर लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि जिन लोगों की कुण्डली में सूर्य दोष व्याप्त हो उन्हें इस स्तुति का पाठ जरूर करना चाहिए। साथ ही भगवान सूर्य की स्तुति का पाठ आरोग्य प्रदान करता और सभी प्रकार के रोग-दोष का नाश होता है।
।। श्री सूर्य स्तुति ।।
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।
त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।