भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देते वक्त रखें बातों का ध्यान

Update: 2023-06-12 10:42 GMT
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता हैं वही रविवार का दिन सूर्य आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है ऐसे में हर कोई इस दिन भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा करता है और व्रत आदि रखता है लेकिन इसी के साथ ही भक्त प्रभु को प्रसन्न करने के लिए रोजाना नियम से उन्हें जल चढ़ाते हैं।
मान्यता है कि भगवान सूर्यदेव को अगर नियमित रूप से अर्घ्य दिया जाए साथ ही कुछ नियमों का पालन किया जाए तो प्रभु प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसते हैं साथ ही साथ साधक को मान सम्मान, तरक्की, धन प्राप्ति और अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्रदान करते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान श्री सूर्यदेव को अर्घ्य देने की संपूर्ण विधि, तो आइए जानते हैं।
सूर्यदेव को अर्घ्य देने की विधि और नियम—
शास्त्र अनुसार भगवान श्री सूर्यदेव को सूर्यादय के समय ही अर्घ्य देना चाहिए मान्यता है कि उगते हुए सूरज को जल देने से उनकी कृपा प्राप्त होती हैं इसके अलावा सूर्यदेव को हमेशा ही तांबे के पात्र से ही जल अर्पित करना चाहिए इसे शुभ माना गया हैं। जल चढ़ाते वक्त साधक का मुख हमेशा ही पूर्व की ओर होना चाहिए इस दिशा को उत्तम बताया गया हैं।
अगर आप भगवान सूर्यदेव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो जल में रोली या लाल चंदन, लाल पुष्प मिलाकर ही भगवान को जल अर्पित करें ऐसा करना शुभ माना जाता हैं। मान्यता है कि रोजाना भगवान श्री सूर्यदेव को अर्घ्य देने से शरीर में शक्ति बनी रहती हैं साथ ही आत्मशुद्धि व बल की प्राप्ति होती हैं। इसके अलावा मान सम्मान, तरक्की व अच्छी सेहत का आशीर्वाद भी मिलता हैं।
Tags:    

Similar News

-->