गुरुवार व्रत पूजा में रखें इन बातों का ध्यान भगवान होंगे प्रसन

Update: 2023-06-08 09:38 GMT
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता हैं। वही गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित हैं इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं, शास्त्र अनुसार गुरुवार के दिन विष्णु पूजा उत्तम फल प्रदान करती हैं और साधक के सभी कष्टों का निवारण कर सकती हैं।
ऐसे में अगर आप आज के दिन भगवान विष्णु की व्रत पूजा कर रहे हैं तो कुछ नियमों का पालन जरूर करें। तभी आपको व्रत पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा गुरुवार व्रत पूजा के नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
गुरुवार व्रत के नियम—
अगर आप गुरुवार का व्रत शुरु करना चाहते हैं तो भूलकर भी इसे पौष माह के गुरुवार के दिन से आरंभ ना करें। इसे अशुभ माना जाता हैं वही पुष्य नक्षत्र के दिन से ही आप गुरुवार व्रत का आरंभ कर सकते हैं इसके अलावा पौष माह को छोड़कर किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार के दिन से आप इस व्रत को आरंभ कर सकते हैं। अगर आप ने गुरुवार का व्रत किया है तो केले से भगवान विष्णु की पूजा करें और इसका दान गरीबों को करें। लेकिन जिन लोगों ने गुरुवार का व्रत किया हैं उन्हें स्वयं केला नहीं खाना चाहिए ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता हैं।
अगर आप गुरुवार का व्रत उठाना चाहते हैं तो कम से कम 16 गुरुवार का व्रत जरूर करें। इसके साथ ही इस दिन पूजा में शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से भगवान बृहस्पति और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती हैं। गुरुवार के दिन उड़द दाल और मास मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए ऐसा करने से भगवान क्रोधित हो सकते हैं।
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