तुलसी विवाह के दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान

आज यानी 25 नवंबर 2020 को देव उठनी एकादशी है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं.

Update: 2020-11-25 06:22 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज यानी 25 नवंबर 2020 को देव उठनी एकादशी है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं. शास्त्रों में इस एकादशी का बड़ा महत्व बताया गया है. इस एकादशी को देवोत्थान और देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से जाता है. देव उठनी एकादशी में तुलसी विवाह का खास महत्व होता है. एकादशी तिथि आज यानी 25 नवंबर से शुरू होकर 26 नवंबर को समाप्त होगी. धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी विवाह के दिन भगवान शालिग्राम और तुलसी माता का विवाह विधि-विधान के साथ किया जाता है. इस दिन तुलसी पूजा का विधान है. ऐसे में अगर आप भी तुलसी पूजा कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है

– घर में लगी हुई तुलसी को नियमित रुप से जल देना चाहिए, और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए

  -भगवान विष्णु की पूजा में किसी भी तरह से तामसिक चीजों का प्रयोग वर्जित माना गया है. इसलिए जहां पर भी तुलसी का पौधा लगा हो वहां पर कभी मांस मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

– तुलसी का पौधा कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए. ये आपके लिए अशुभफलदायक हो सकती है. तुलसी के पौधे को हमेशा पूर्वोत्तर या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए.

– तुलसी को हमेशा गमले में ही लगाना चाहिए. मान्यता है कि जमीन पर लगा हुआ तुलसी का पौधा अशुभ फल देता है.

– तुलसी के पत्तों को बिना आवश्यकता के नहीं तोड़ना चाहिए. अगर आपने घर में तुलसी का पौधा लगाया है, तो उसकी सही से देखभाल करना जरूरी होता है. 

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