सफलता पाने के लिए अपने लक्ष्य पर रखें, कड़ी नजर

एक बार एक व्यक्ति पारस पत्थर की खोज में निकला.

Update: 2021-02-12 07:58 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | एक बार एक व्यक्ति पारस पत्थर की खोज में निकला. उसे रास्ते में एक संत मिला. उस व्यक्ति ने संत से कहा, मैं पारस पत्थर की खोज में निकला हूं, कृपा करके मुझे पारस पत्थर की पहचान बताएं. संत ने कहा, यहां से उत्तर दिशा में चलने पर आपको एक तालाब मिलेगा. उस तालाब के किनारे कई पत्थरों के ढेर हैं उसी ढेर में पारस पत्थर पड़ा हुआ है.

उस व्यक्ति ने पूछा, मगर मैं उस पत्थर को पहचानूंगा कैसे? संत ने कहा कि पारस अन्य पत्थरों की अपेक्षा कुछ ज्यादा गर्म है, यही उसकी पहचान है. अब वह व्यक्ति प्रतिदिन तालाब के किनारे जाता, पत्थरों की ढेर पर बैठता, एक पत्थर उठाता और उसे अपनी गाल से छुआता और गर्माहट जानने की कोशिश करता. ठंडा होने पर उसे तालाब में फेंक देता.

ऐसा करते-करते उस व्यक्ति को कई बरस बीत गए. एक दिन उसे पारस पत्थर मिल गया. उसने उसे उठाया और गाल से छुआया. पत्थर कुछ गर्म था, लेकिन उसने उसे भी तालाब में फेंक दिया. जल्दी ही उसे यह अहसास हो गया कि उसने उस पारस पत्थर को भी तालाब में फेंक दिया है जिसके लिए उसने वर्षों तक कठोर परिश्रम किया था.

इसके बाद वो वापस संत के पास गया और कहा कि मुझे पारस पत्थर मिला था लेकिन गलती से मैंने उसे भी तालाब में फेंक दिया है. तब संत ने कहा, पारस पत्थर की प्राप्ति तुम्हारा उद्देश्य था. लम्बे समय तक तुम उसे प्राप्त करने के लिए कार्य करते रहे. कार्य तो तुम्हें याद रहा, लेकिन कार्य के उद्देश्य को भूल गए. तुमने अपने उद्देश्य के प्रति सावधानी नहीं रखी और तुम तालाब के किनारे जाकर पत्थर फेंकने को ही अपना उद्देश्य समझ बैठे.

इसी तरह हम भी जीवन में कई बार कोई कार्य बड़े ही उत्साह के साथ शुरू तो कर देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे जब समय बीतता है तो हम उस लक्ष्य के उद्देश्य को भूल जाते हैं. इस वजह से कई बार मंजिल हमारे पास होती है, फिर भी हम उसे प्राप्त नहीं कर पाते. इसका प्रमुख कारण फोकस का न होना है. अगर आपका ध्यान आपके काम या लक्ष्य पर सही ढंग से नहीं होगा तो आप निश्चित रूप से अपना उद्देश्य भूल जाएंगे.

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