Karwa Chauth time : कुछ ही देर में दिखाई देंगे चांद, जानें सही समय

करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए सबसे पवित्र त्योहार माना जाता है। सुहागन स्त्रियों को इस दिन का पूरे साल इंतजार रहता हैं।

Update: 2020-11-04 14:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्ली, जेएनएन। Karwa Chauth Moonrise Time: करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए सबसे पवित्र त्योहार माना जाता है। सुहागन स्त्रियों को इस दिन का पूरे साल इंतजार रहता हैं। ऐसी मान्यता है कि जो सुहागन स्त्री करवा चौथ का निर्जला व्रत करती हैं और व्रत पूर्ण होने पर चौथ के चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं उनके पति की लंबी उम्र होती है। इस साल करवा चौथ 4 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुहागन स्त्रियां अपने पति के मंगल की कामना से करवा चौथ का व्रत रखती हैं। कहते हैं कि जो स्त्रियां इस दिन व्रत करती हैं और सच्चे मन से माता पार्वती से अपने पति के मंगल की कामना करती हैं उन्हें माता पार्वती से सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है। परंपरा के अनुसार, पति को चलनी से देखने के बाद ही व्रत को खोला जाता है। मान्यता है कि बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए करवा चौथ का व्रत पूरा नहीं होता है। करवा चौथ पर चंद्र दर्शन का विशेष महत्व होता है। व्रती महिलाओं को चांद के दीदार का बेसब्री से इंतजार रहता है।

वहीं, शादीशुदा महिलाएं इस दिन व्रत की कथा ज़रूर सुनती हैं, जिसके बिना व्रत को अधूरा माना जाता है। मान्‍यता चली आ रही है कि जितना महत्‍व करवा चौथ के व्रत का होता है उतना ही महत्‍व कथा का भी होता है। इसलिए व्रत कर रही महिलाओं को इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि व्रत की कथा जरूर सुने।

इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना और समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। रात को चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है और चंद्रोदय तक रखा जाता है। मान्यता है कि बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए करवा चौथ का व्रत पूरा नहीं होता है। करवा चौथ पर चंद्र दर्शन का विशेष महत्व होता है।

जानें, आपके शहर में कब निकलेगा चांद-

दिल्ली- रात 8:12 बजे

गुरुग्राम: रात 08:13 बजे

नोएडा: रात 08:12 बजे

कोलकाता- रात 7:40 बजे

मुंबई- रात 8:52 बजे

चेन्नई- रात 8:33 बजे

शिमला-रात 8:06 बजे

चंड़ीगढ़- रात 8:09 बजे

अमृतसर- रात 08:15 बजे

पटना- रात 07:47 बजे

देहरादून- रात 08:05 बजे

श्रीनगर- रात 08:08 बजे

अहमदाबाद- रात 08:45 बजे

प्रयाग- रात 08:02 बजे

रांची - रात 7.51 बजे

भूलकर भी न करें ये काम

करवा चौथ के दिन ऐसा कोई काम न करें, जिससे घर का माहौल खराब हो। घर में शांति और सौहार्द का वातावरण बनाए रखें। पारिवारिक कलह और द्वेष से बचें। इस दिन पति और पत्नी को आपसी मनमुटाव से बचना चाहिए। माना जाता है कि अगर पति-पत्नी करवा चौथ के दिन झगड़ते हैं तो पूरे साल ऐसी परिस्थितियां बनती रहती हैं, जिनसे आपस में मनमुटाव होता रहता है।

क्यों मनाया जाता है करवा चौथ

देवों और दानवों के बीच युद्ध में देवताओं की हार हो रही थी। सभी देवताओँ ने तब ब्रह्मदेव से प्रार्थना की। ब्रह्मदेव ने सभी देवताओं की पत्नियों को सुहाग के लिए व्रत करने को कहा। ऐसा करने से उनके पतियों की युद्ध में विजय हुई, तब से कार्तिक माह की चतुर्थी के दिन करवाचौथ मनाया जाता है।

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