Kartik month 2024: रविवार को क्यों नहीं तोड़ते तुलसी के पत्ते

Update: 2024-10-22 03:25 GMT
Kartik month 2024: कार्तिक मास शुरू है और इस माह में भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है और इस महीने में दीवाली का त्योहार भी आ रहा है। इस महीने में जितना धार्मिक पाठ पूजा की जाए उतना अच्छा है। विष्णु जी को समर्पित इस माह में तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है। अगर आपने अपने घर-आंगन में तुलसी मां का पौधा लगा रखा है तो तुलसी से जुड़े कुछ खास उपाय कर सकते हैं। तुलसी से जुड़े ये नियम आपके जीवन में सुख- समृद्धि लेकर आएंगे। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, तुलसी बहुत ही पवित्र पौधा माना जाता है।
रविवार को क्यों नहीं तोड़ते तुलसी के पत्ते
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रविवार के दिन, देवी तुलसी विष्णु ध्यान में लीन रहती हैं और विश्राम करती हैं और बाकी के दिनों में वह जनकल्याण और अपने भक्तों के कल्याण के लिए उपस्थित रहती हैं। रविवार को तुलसी जी के ध्यान और विश्राम में कोई विघ्न ना आए इस कारण रविवार को तुलसी में जल अर्पित करने और तुलसी के पत्ते तोड़ने के लिए मना किया जाता है।
घर में लगा है तुलसी का पौधा तो ये उपाय जरूर करें
कार्तिक मास में रोजाना तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं लेकिन रविवार को ऐसा ना करें। इसके अलावा शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता है। कार्तिक मास में सुबह-शाम दीपक जलाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें। मान्यता है कि तुलसी पूजन करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। ध्यान रखें कि रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल न चढ़ाएं। कार्तिक मास के दौरान तुलसी जी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए।
तुलसी माता का मंत्र क्या है
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।। एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
तुलसी के पत्ते तोड़ते समय क्या बोलना चाहिए
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।। मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
तुलसी को जल चढ़ाने से पहले कुछ खाना नहीं चाहिए और बिना स्नान किए जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
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