कामदा एकादशी भगवान विष्णु के साथ करें मां लक्ष्मी की पूजा

Update: 2024-04-19 09:25 GMT
ज्योतिष न्यूज़  : सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आता है अभी चैत्र का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी की तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की साधना आराधना को समर्पित होती है
 इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु की असीम कृपा प्राप्त होती है इस बार कामदा एकादशी का व्रत आज यानी 19 अप्रैल दिन शुक्रवार को किया जा रहा है
 इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की एक साथ पूजा अर्चना करने साथ ही श्री हरि स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से करने पर माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं और अपने भक्तों के घरों में वास करती है जिससे धन की कमी सदा के लिए समाप्त हो जाती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी स्तोत्र।
 ।।श्री हरि स्तोत्रम्।।
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं
नभोनीलकायं दुरावारमायं सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ॥
सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥
रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं जलान्तर्विहारं धराभारहारं
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं ध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥
जराजन्महीनं परानन्दपीनं समाधानलीनं सदैवानवीनं
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं ॥
कृताम्नायगानं खगाधीशयानं विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानं
स्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलं निरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं ॥
समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशं जगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं सुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं ॥
सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठं
सदा युद्धधीरं महावीरवीरं महाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहं ॥
रमावामभागं तलानग्रनागं कृताधीनयागं गतारागरागं
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतं गुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं ॥
 
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