Kajari Teej Vrat 2021, कुंवारी कन्याओं का अच्छा वर पाने का खास दिन, जानें तिथि, मुहूर्त और इसका महत्व

हिन्दू धर्म में सावन माह के त्योहार बेहद ही पवित्र और खास माने जाते है यह माह पूर्णतः भगवान शिव जी को समर्पित होता है

Update: 2021-08-08 15:55 GMT

Kajari Teej Vrat 2021: हिन्दू धर्म में सावन माह के त्योहार बेहद ही पवित्र और खास माने जाते है यह माह पूर्णतः भगवान शिव जी को समर्पित होता है। इस माह में आने वाला हर त्योहार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं इसी मास की समाप्ति के बाद एक प्रमुख त्योहार दस्तक देने जा रहा है और वह है कजरी तीज व्रत। यह व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास होता है इसे कुंवारी कन्याओं द्वारा भी मनाया जाता है। इस दौरान जहां सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती हैं, तो वहीं कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए इसे रखती हैं। सावन माह के बाद आने वाला ये खास पर्व हिंदी भाषी राज्यों- राजस्थान, बिहार और मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी मनाया जाता है। हर साल कजरी तीज भाद्र मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनायी जाती है। इस वर्ष यह तिथि 25 अगस्त 2021 दिन बुधवार को पड़ रही है। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से..

अन्य नाम और शुभ मुहूर्त
प्रत्येक वर्ष भाद्र मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का व्रत मनाया जाता है। इसे सामान्यतौर पर कजली तीज, बूढ़ी तीज और सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को बिना जल पिए रखा जाता है इसलिए इसे निर्जला व्रत भी कहते हैं। इसे सबसे कठिन व्रतों में गिना जाता है, इस व्रत पर स्त्रियां अन्न और जल का त्याग कर मंगल कामना करती हैं। अगर आप भी इस व्रत को रख कर शुभ फल की प्राप्ति चाहती हैं तो जरूरी है कि इसके शुभ मुहूर्त के बारे में आप अच्छे से जान लें।
हिन्दू धर्म में सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याओं द्वारा रखा जाने वाला यह निर्जला व्रत पति की लंबी उम्र और अच्छे वर की कामना के लिए किया जाता है। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में सुख शांति का वास होता है तो वहीं दांपत्य जीवन से जुड़ी सारी परेशानियों का अंत होता है। इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस विशेष दिन गाय की विशेष पूजा की जाती है। कजरी तीज पर पकवान भी बनाए जाते हैं और इस व्रत का पारण चंद्रोदय के बाद किया जाता है।


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