Jyestha Amavasya : ज्येष्ठ अमावस्या पर इस तिथि से करें पितरों को प्रसन्न

Update: 2024-06-06 08:47 GMT
Amavasya Tithi अमावस्या तिथि : सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को महत्वपूर्ण बताया गया है जो कि पितरों को समर्पित तिथि होती है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है अमावस्या तिथि पर पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के सारे दुख कष्ट दूर हो जाते हैं
आज यानी 6 जून दिन गुरुवार को ज्येष्ठ अमावस्या है ऐसे में इस दिन पितरों का तर्पण व पूजन जरूर करें माना जाता है
कि ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितृदोष भी दूर हो जाता है तो आज हम आपको इसी विषय में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
ज्येष्ठ अमावस्या पर शुभ समय—
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या ​पर पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान 11 बजे के बाद ही करना उचित होगा। दान सुबह भी किया जा सकता है वही इस दिन लाभ उन्नति मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से 2 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 4 मिनट से 3 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
ज्येष्ठ अमावस्या के पूजा नियम—
आपको बता दें कि अमावस्या तिथि पर गंगा नदी में स्नान करें इसके बाद भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित कर घर पर सात्विक भोजन बनाएं और गरीबों को खिलाएं साथ ही दान भी करें इसके बाद पितरों का तर्पण जरूर करें इस शुभ दिन पर कुत्ते, कौवें, चींटियों, गाय को भोजन खिलाएं। इस तिथि पर अधिक से अधिक दान करें ऐसा करना शुभ माना जाता है इसके अलावा अमावस्या पर तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी ना लगाएं इस दिन पूजा पाठ में अपना समय व्यतीत करें।
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