ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर पड़ने वाली मासिक कालाष्टमी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि भगवान शिव के रौद्र स्वरूप भगवान कालभैरव की साधना आराधना को समर्पित होती है इस दिन कालभैरव की पूजा की जाती है इसके अलावा इसे दुर्गाष्टमी के भी नाम से जाना जाता है
इस दिन मां दुर्गा की पूजा करना लाभकारी होता है मासिक कालाष्टमी के दिन कालभैरव की उपासना करने से शनि और राहु के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है साथ ही जीवन से दुख दर्द दूर हो जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा मासिक कालाष्टमी की तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
मासिक कालाष्टमी की तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 30 मई को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर हो रही है और इस तिथि का समापन 31 मई को सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर हो जाएगा। यानी की ज्येष्ठ कालाष्टमी व्रत 30 मई को किया जाएगा। कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा निशिता काल में करना लाभकारी होगा। साथ ही जीवन की समस्याओं का भी समाधान हो जाता है।
इन मंत्रों का करें जाप—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कालाष्टमी के शुभ दिन पर भगवान भैरव की विधिवत पूजा कर उनके मंत्रों का जाप करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है और कष्ट समाप्त हो जाता है।
ॐ भ्रं कालभैरवाय फट।।.
ॐ भयहरणं च भैरव।।.
ॐ कालभैरवाय नम।।.
ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्री।.
ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्, भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि
ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्री।।.
अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्, भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हस।।.