ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है अभी ज्येष्ठ माह चल रहा है और इसका आरंभ आज यानी 24 मई से हो चुका है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को ज्येष्ठ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। ज्येष्ठ अमावस्या पर ही शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है
इसके साथ ही अमावस्या तिथि पर ही वट सावित्री व्रत भी किया जाता है जो कि शादीशुदा महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जातक के सभी पापों का नाश हो जाता है और जीवन में सुख समृद्धि व शांति आती है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा ज्येष्ठ अमावस्या की तारीख और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ज्येष्ठ अमावस्या की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या 6 जून को पड़ रही है अमावस्या तिथि पर स्नान दान, पितरों का श्राद्ध और दान करना उत्तम माना जाता है ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं और वंशजों को जीवन में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है साथ ही साथ पूजा पाठ और दान करने से माता लक्ष्मी की भी कृपा भक्तों को मिलती है।
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या 5 जून को रात 7 बजकर 54 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि 6 जून को शाम 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। वही ज्येष्ठ अमावस्या के दिन स्नान दान का शुभ समय सुबह 4 बजकर 2 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक है। वही पितृ पूजन का समय सुबह 11 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 4 मिनट तक प्राप्त हो रहा है ऐसा माना जाता है कि पितरों की पूजा दोपहर के समय करना अच्छा होता है इसके अलावा शनि देव की पूजा का समय शाम को 6 बजे से रात 9 बजकर 49 मिनट तक प्राप्त हो रहा है यह भी कहा जाता है कि शनि महाराज की पूजा सूर्यास्त के बाद करना उत्तम होता है।