Jyeshtha 2021: ज्येष्ठ मास में इन चीजों का दान करने से माँ लक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद

ज्येष्ठ मास की 5 जून 2021 को एकादशी तिथि है.

Update: 2021-06-04 15:19 GMT

Jyeshta Month 2021: ज्येष्ठ मास की 5 जून 2021 को एकादशी तिथि है. ज्येष्ठ मास का आरंभ बीते 27 मई 2021 को हुआ था. ज्येष्ठ मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. इस मास को जेठ का महीना भी कहते हैं. ये महीना जीवन में जल के महत्व को भी बताता है. इसी मास में निर्जला एकादशी का व्रत आता है, जिसमें जल का त्याग किया जाता है. निर्जला एकादशी को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना गया है. इसी मास में नौतपा भी आता है, जिसमें तेज गर्मी का अहसास होता है.

ज्येष्ठ मास में अधिक गर्मी पड़ती है
ज्येष्ठ मास में सूर्य देव अपने पूरे तेवर में होते हैं. यही कारण है कि इस मास में गर्मी अधिक पड़ती है. ज्येष्ठ मास में दिन बढ़ा और रात छोटी होती है. इस कारण भी इस मास को ज्येष्ठ मास कहा जाता है. गर्मी में जल का महत्व अधिक बढ़ जाता है. यही कारण है कि इस मास में दो महत्वपूर्ण पर्व और व्रत पड़ते हैं, जिन्हें गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी कहा जाता है.
ज्येष्ठ मास में जल संरक्षण करना चाहिए
ज्येष्ठ मास में जल का उचित संरक्षण करना चाहिए. सभी जानते हैं कि जल ही जीवन है. वर्तमान समय में जल पर संकट मड़राने लगा है. ऐसे में जल का संरक्षण अधिक आवश्यक हो जाता है. जल का स्तर जिस गति से नीचे जा रहा है, उससे देखते हुए इन व्रत और पर्वों का महत्व बढ़ जाता है. जल को सुरक्षित रखने के लिए तालाव, पोखर और नम भूमि वाले स्थानों का संरक्षण करना चाहिए.
ज्येष्ठ मास का दान
ज्येष्ठ मास में दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस मास में जल का दान सबसे उत्तम बताया गया है. जल का दान करने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है. इसके साथ इन चीजों का दान भी श्रेष्ठ फलदायी बताया गया है-
- पशु-पक्षियों के लिए जल और भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए.
- पंखें का दान करना चाहिए.
- घड़े का दान करना चाहिए.
- गर्मी में लोगों को जल पीलाना चाहिए.
- प्याऊ की स्थापना करनी चाहिए.
- सत्तु और इस मौसम के फलों का दान करना चाहिए.
- वृक्षों की रक्षा करना चाहिए.


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