जन्माष्टमी आज या कल, जानिए

Update: 2023-09-06 07:44 GMT
सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर किया जाता हैं। मान्यता है कि इसी पावन दिन पर भगवान विष्णु के आठवे अवतार श्री कृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था।
 जन्माष्टमी के दिन भक्त भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा अर्चना करते हैं और उपवास भी रखते हैं। इस पर्व को देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 6 और 7 सितंबर को मनाया जा रहा हैं। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इस पर्व से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
  किस दिन रखें जन्माष्टमी व्रत—
इस साल जन्माष्टमी का पर्व दो दिन मनाया जा रहा हैं लेकिन गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर को जन्माष्टमी का व्रत रखें। शास्त्र अनुसार जिस दिन अष्टमी के साथ रोहिणी नक्षत्र का संयोग बनता हैं उसी दिन जन्माष्टमी का व्रत पूजन करना शुभ माना जाता हैं। ऐसे में गृहस्थी वाले आज के दिन उपवास रख सकते हैं।
 कृष्ण जन्माष्टमी का मुहूर्त—
श्रीकृष्ण पूजा का उत्तम समय— 6 सितंबर रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 7 सितंबर प्रात: 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
पूजन की कुल अवधि— 46 मिनट
इस वर्ष जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र 6 सितंबर को सुबह 9 बजकर 20 मिनट से आरंभ हो चुका हैं और अगले दिन यानी 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
 भगवान कृष्ण के मंत्र—
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन दिन पर भगवान के बाल स्वरूप की पूजा करते वक्त अगर इन चमत्कारी मंत्रों का जाप किया जाए तो जीवन की हर परेशानी का निवारण हो जाता हैं।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे
ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे। सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
 
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