Janashtami In Uttarakhand: उत्तराखंड, हरियाणा समेत कई हिस्सों में इस दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी, जानें पूजा विधि और महत्व
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Janmashtami In Himachal Pradesh 2022: हिंदू धर्म में कोई भी पर्व या व्रत तिथि को देखते हुई ही रखा जाता है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल जन्माष्टमी 18 अगस्त और 19 अगस्त दो दिन मनाई जा रही है. पंचाग में जन्माष्टमी 18 अगस्त की बताई जा रही है. वहीं, तिथि और नक्षत्र आदि को देखते हुए 19 अगस्त को भी जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा.
देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग दिन जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि मथुरा-वृंदावन और द्वारिकाधीश में जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा. और 20 अगस्त के दिन दही हांडी महोत्सव मनाया जाएगा. देश के कई हिस्से जैसे उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और मध्यप्रदेश आदि जगह पर 19 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी. आइए जानें जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त और तिथि के बारे में.
जन्माष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त के दिन मनाया जा रहा. जन्माष्टमी का व्रत रखने से 20 करोड़ एकादशी जितना फल की प्राप्ति होती है. इस बार अष्टमी तिथि 18 अगस्त रात्रि 9 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 19 अगस्त रात 10 बजकर 59 मिनट तक है. वहीं, 19 अगस्त के दिन ही रोहिणी नक्षत्र भी है. इसलिए अब 18 अगस्त की जगह 19 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा. ऐसे में देश के लगभग कई हिस्सों में जन्माष्टमी का व्रत 19 अगस्त के दिन ही रखा जाएगा.
कुल 44 मिनट का है पूजा का मुहूर्त
शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों के आधार पर बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इसलिए जन्माष्टमी के दिन मध्यरात्रि के समय लड्डू गोपाल की पूजा को शुभ माना गया है. इस साल 18 अगस्त को रात 12 बजकर 03 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 47 मिनट तक निशीथ काल रहेगा और ये 44 मिनट की अवधि पूजा के लिए बहुत शुभ मानी जा रही है.