चैत्र नवरात्रि के पहले दिन का कलश स्थापना, जानें सही तरीका

Update: 2024-04-09 11:16 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन नवरात्रि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि साल में चार बार आती है जिसमें दो गुप्त नवरात्रि होती है तो वही दो अन्य नवरात्रि पड़ती है पंचांग के अनुसार अभी चैत्र मास चल रहा है और इस माह में पड़ने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है जो कि देवी साधना का महापर्व होता है
 इस दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं यह पर्व पूरे नौ दिनों तक चलता है इस बार नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल यानी आज से हो चुका है और समापन 17 अप्रैल को हो जाएगा। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने का विधान होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा कलश स्थापना का सही तारीका बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 कलश स्थापना का सही तरीका—
आपको बता दें कि कलश स्थापना के लिए सबसे पहले जौ बोने के लिए एक मिट्टी का पात्र लें अब इस पात्र में मिट्टी की एक परत बिछाएं और एक परत जौ की बिछाएं। एक कलश में जल भरकर उसके उपरी भाग में कलावा बांधकर उसे मिट्टी के पात्र पर रख दें। इस कलश के उपर आम के पत्ते रखें। अब नारियल में कलावा बांधकर इसे लाल वस्त्र से लपेटकर कलश के उपर और पल्लव के बीच रख दें।
 नारियल की स्थापना करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि इसका मुख साधक की ओर होना चाहिए। कलश स्थापना पूर्ण होने के बाद माता का आह्वान करें। दीपक जलाकर कलश का पूजन कर धूपबत्ती दिखाएं और माला, फल, मिठाई अर्पित करें कलश स्थापना व पूजन के बाद प्रणाम करें। माना जाता है कि इस विधि से अगर कलश स्थापना की जाए तो पूर्ण फल की प्राप्ति होती है।
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