धर्म अध्यात्म: सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य शुरु करने से पहले प्रभु श्री गणेश की पूजा का विधान है। पौराणिक मान्यता है कि प्रभु श्री गणेश की पूजा करने से सारी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती हैं। वही इस बार गणेश चतुर्थी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी। अंग्रेजी महीने के मुताबिक, यह सितंबर माह की 19 तारीख को पड़ रही है। 10 दिन चलने वाले इस पर्व की धूम पूरे भारत में देखने को मिलेगी। इस के चलते भक्त गणपति की निरंतर 10 दिन तक पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना करेंगे। फिर 10 दिनों बाद अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन कर उन्हें विदा करेंगे।
इस पूजा विधि के साथ करें भगवान गणेश की स्थापना:-
प्रभु श्री गणेश जी की स्थापना चतुर्थी के दस दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसलिए गणेश चतुर्थी 2023 के चलते विधि अनुसार भगवान की पूजा और उनकी स्थापना करनी चाहिएः
प्रभु श्री गणेश के आगमन से पहले घर को अच्छी तरह से साफ कर लें तथा उसे फूलों और रंगोली से सजा दें।
तत्पश्चात, प्रभु श्री गणेश की स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का चुनाव करें तथा आप किसी पुजारी या ज्योतिषी से सलाह लेकर भी शुभ मुहूर्त का चुनाव कर सकते है।
अपने घर या पंडाल में प्रभु श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। आप पर्यावरण के अनुकूल मूर्ति खरीद सकते हैं या घर पर ही बना सकते हैं।
फिर प्रभु श्री गणेश जी का हल्दी, चंदन और सिंदूर से श्रृंगार करें तथा भगवान को दूर्वा घास अवश्य चढ़ाएं।
अब गणेश जी के सामने धूप, दीपक जलाएं तथा इनकी आरती करें।
आरती करने के बाद प्रभु श्री गणेश जी को मोदक व लड्डू का भोग लगाएं।
भगवान को भोग लगाने के पश्चात् भोग का प्रसाद सभी लोगों में अवश्य बांटे।
दसवें दिन, भगवान गणेश की प्रतिमा को किसी जल निकाय में विसर्जित कर दें।