आने वाले 5 वर्षो में किन राशि वालों पर होगा शनि की साढ़े सती, जानें इसकी मुक्ति का मार्ग
जन्म कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति और चाल का शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जन्म कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति और चाल का शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है। शनि की साढ़े साती की तरह ही शनि ढैय्या भी महत्वपूर्ण होती है। शनि के जन्म कुंडली में शुभ व उच्च का होने पर शनि ढैय्या शुभ फलकारी होती है। शनि की इसके विपरीत होने पर जातकों को कष्टों का सामना करना पड़ता है। जब राशि परिवर्तन में शनि किसी राशि से चतुर्थ व अष्टम भाव में होता है तो यह स्थिति शनि ढैय्या होती है। जब राशि परिवर्तन में किसी राशि से शनि तृतीय, षष्ठ और एकादश भाव में हों तो यह स्थिति शनि ढैय्या के लिए शुभ मानी जाती है। जानिए साल 2021-2025 तक किन राशि वालों पर रहेगी शनि ढैय्या-साल 2021 यानी वर्तमान में मिथुन और तुला राशि वाले शनि ढैय्या की चपेट में हैं। शनि मकर राशि में विराजमान हैं। शनि की साढ़े साती की चपेट में धनु, कुंभ और मकर राशियां हैं। शनि वर्तमान में मकर राशि में वक्री चाल चल रहे हैं।
साल 2022 में शनि राशि परिवर्तन करते हुए मकर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। जिससे कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी। इस दौरान मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती रहेगी।
साल 2023 और 2024 में शनि का कोई राशि परिवर्तन नहीं होगा।
29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर करेंगे। जिससे सिंह और धनु राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी। इस दौरान कुंभ, मेष और मीन राशि वालों पर शनि ढैय्या रहेगी। मकर राशि वाले शनि ढैय्या से मुक्ति पा जाएंगे।
ज्योतिष शास्त्र में शनि का महत्व-
शनि को कर्म फलदाता माना जाता है। कहते हैं कि शनि हर व्यक्ति को उसके कर्म के हिसाब से फल देते हैं। शनिदेव की कृपा पाने के लिए व्यक्ति को गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए। शनिदेव की अराधना के लिए शनिवार का दिन विशेष माना गया है। शनि एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में ढाई साल का समय लेता है, जबकि शनि का एक चक्र करीब 30 साल में पूरा होता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।