आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी कहते हैं. योगिनी एकादशी के व्रत को लेकर खुद भगवान कृष्ण ने कहा है कि यह व्रत करने से हजारों ब्राह्मणों को भोजन कराने जितना पुण्य मिलता है और व्यक्ति के सारे पाप भी धुल जाते हैं. यह व्रत करने से जातक को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष प्राप्त हो जाता है. इस साल योगिनी एकादशी का व्रत 24 जून, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा. योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.
योगिनी एकादशी व्रत पूजा शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 23 जून की रात 09:41 से शुरू होकर 24 जून की रात 11:12 तक रहेगी. उदया तिथि के मुताबिक 24 जून को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा और पारणा 25 जून की सुबह होगा.
एकादशी के दिन न करें ये काम
योगिनी एकादशी ही नहीं बल्कि सभी एकादशी के दिन कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए. यदि व्रत नहीं भी कर रहे हैं तो कुछ नियमों का पालन करने से जीवन की कई मुसीबतों से बचाव होता है.
- एकादशी के दिन किसी से ना तो झूठ बोलें और ना ही किसी के बारे में बुरा बोलें. इस दिन अपने मन में किसी भी तरह के बुरे और नकारात्मक विचार नहीं आने दें. वरना कठिन व्रत और पूजा का भी पूरा फल नहीं मिलेगा.
- एकादशी के दिन नॉनवेज-शराब का सेवन गलती से भी न करें. इस दिन सात्विक भोजन ही करें.
- एकादशी के दिन चावल का सेवन करना भी वर्जित बताया गया है.
- एकादशी के एक दिन पहले से ही ब्रह्मचर्य का पालन करें. साथ ही हो सके तो जमीन पर सोएं.