अगर आप सौभाग्य की प्राप्ति चाहते हैं तो आपको जीवन में 3 कर्म जरूर करने चाहिए
कहा जाता है कि सफलता प्राप्ति में आपके कर्मों के अलावा भाग्य का भी बहुत बड़ा योगदान होता है. भाग्य पिछले सद्कर्मों का निचोड़ माना जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कहा जाता है कि सफलता प्राप्ति में आपके कर्मों के अलावा भाग्य का भी बहुत बड़ा योगदान होता है. भाग्य पिछले सद्कर्मों का निचोड़ माना जाता है. अगर आप भी सौभाग्य की प्राप्ति चाहते हैं तो आपको जीवन में 3 कर्म जरूर करने चाहिए.
श्लोक के माध्यम से आचार्य ने इन कर्मों का जिक्र करते हुए बताया है कि जो व्यक्ति जीवन में इन कर्मों से अछूता है, उसका जीवन निरर्थक है. ऐसे व्यक्ति जानवर के समान होते हैं और इस पृथ्वी पर वो बोझ की तरह हैं. ये है श्लोक- येषां न विद्या न तपो न दानं ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मं:, ते मत्र्य लोके भुवि भारभूता मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति.
आचार्य का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए. शिक्षा से बुद्धि का विकास होता है और आप ज्ञान की ओर कदम बढ़ाते हैं. भगवान ने सिर्फ इंसानों को ही ज्ञान प्राप्त करके जीवन को सफल बनाने की क्षमता दी है. ज्ञान से आप सही और गलत की पहचान करते हैं और सही राह की ओर बढ़ते हैं. सही कर्म करते हैं. इससे आपका भाग्योदय तो होता ही है, साथ ही जीवन भी सफल हो जाता है.
हर व्यक्ति को जीवन में धर्म-तप जरूर करना चाहिए. किसी भी तरह की साधना से व्यक्ति के पाप कटते हैं. साथ ही पुण्य बढ़ते हैं. इससे जीवन में आपको सौभाग्य की प्राप्ति होती है और अपना जीवन बेहतर बनाने का मौका मिलता है.
दान के बगैर भी व्यक्ति का जीवन बेकार है. दान व्यक्ति को त्याग और दूसरों का भला करना सिखाता है. कहा जाता है कि दान व्यक्ति के बुरे कर्मों का अंत कर देता है. दान करने से व्यक्ति के जीवन की तमाम परेशानियां दूर होती हैं और उसके जीवन में खुशियां आती हैं.