सफलता प्राप्त करना है तो पूरी लगन के साथ आगे बढ़े

एक बार एक समुद्री जीवविज्ञानी ने अपने शोध.

Update: 2021-03-05 08:16 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | एक बार एक समुद्री जीवविज्ञानी ने अपने शोध के दौरान पानी से भरे एक बड़े टैंक में एक शार्क को डाला और कुछ देर बाद उसने उसमें कुछ मछलियां डाल दीं. मछलियों को देखते ही शार्क ने समझ लिया कि चारा आ गया है. वो तुरंत तैरकर उनकी ओर गई और उन पर हमला कर उन्हें खा लिया.

इसके बाद समुद्री जीवविज्ञानी ने कुछ और चारा मछलियां टैंक में डालीं और वे भी तुरंत शार्क का आहार बन गईं. कुछ दिनों बाद समुद्री जीवविज्ञानी ने एक कांच का मजबूत पारदर्शी टुकड़ा उस टैंक के बीचों-बीच डाल दिया. अब टैंक दो भागों में बंट चुका था. एक भाग में शार्क थी और दूसरे भाग में उसने कुछ चारा मछलियां डाल दी थीं.

शार्क कांच से चारा मछलियों को देख सकती थी. चारा मछलियों के देख शार्क फिर से उन पर हमला करने के लिए उस ओर तैरी, लेकिन कांच के विभाजक टुकड़े से टकरा कर रह गई. उसने फिर से कोशिश की. लेकिन कांच के टुकड़े के कारण वह चारा मछलियों तक नहीं पहुंच सकी.

बार-बार असफलता मिलने के बाद शार्क ने अपने हिस्से में रहना सीख लिया और मछलियां अपने हिस्से में रहने लगीं. कुछ दिनों बाद समुद्री जीवविज्ञानी ने टैंक से वह कांच का विभाजक हटा दिया.लेकिन शार्क ने इसके बाद कभी उन चारा मछलियों पर हमला नहीं किया क्योंकि एक काल्पनिक विभाजक उसके दिमाग में हमेशा के लिए बस चुका था और उसने सोच लिया था कि वो उसे पार नहीं कर सकती.

हम सब के जीवन में भी कई बार ऐसा ही होता है. जीवन में बार-बार असफलता का सामना करते-करते कई बार हम अंदर से इतने टूट जाते हैं, कि थककर प्रयास करना ही छोड़ देते हैं. हम अपने दिमाग में ये सेट कर लेते हैं कि अब चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, सफलता हासिल करना नामुमकिन है.

जबकि हमें याद रखना चाहिए कि परिस्थितियां कभी एक जैसी नहीं रहतीं. वे बदलती रहती हैं. आज अगर परिस्थितियां प्रतिकूल हैं, तो कल अनुकूल भी हो सकती हैं इसलिए प्रयास करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए. अतीत की असफलता को दिमाग पर हावी न होने दें और पूरी लगन से मेहनत करें और प्रयास जारी रखें और अवसर का इंतजार करें. एक दिन सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी.

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