भूत प्रेत से हैं परेशान तो करें ये उपाय, मिलेगी मुक्ति
अपने बुरे कर्मों का फल इंसान को इसी जन्म में भुगतना पड़ता है। यदि धर्म- कर्म जैसे अच्छे कार्य करते है. तो आपको अगला जन्म अच्छा ही मिलता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अपने बुरे कर्मों का फल इंसान को इसी जन्म में भुगतना पड़ता है। यदि धर्म- कर्म जैसे अच्छे कार्य करते है. तो आपको अगला जन्म अच्छा ही मिलता है। और यदि बुरे कर्म करते हो तो कष्टों भरा जीवन मिलता है। हो सकता है आपको प्रेत भी बनना पड़ें ये तो सब आपके कर्मों में ही निहित है।
इंसान उठाता है गलत कदम:
मानव जीवन में बहुत से उतार चढाव आते है। जिनमे कई बार व्यक्ति इन आई समस्याओं को लेकर गलत कदम उठा लेता है। जैसे खुद -खुशी ,दूसरों को परेशान करना, चोरी, डकैती, लड़ाई, झगड़ा आदि गलत कार्यों की और मुख मोड़ लेता है। और इन सब गलत कार्यों से उसे ऐसी -ऐसी योनियों में जन्म लेना जैसे प्रेत ,पिशाच , पशु, पक्षी अन्य योनियों में जन्म लेना पड़ता है।
धार्मिक कथाएं:
हिंदू धार्मिक ग्रंथ में यह कथा वर्णित है कि प्राचीन समय में नंदन वन में बहुत ही बड़ा उत्सव चल रहा था। इस उत्सव में सभी देवता, बड़े- बड़े सिद्ध संत आए हुए थे। उस समय गंधर्व गायन में अप्सराएं नृत्य कर कार्यक्रम का आकर्षक बढ़ा रही थी। साथ ही साथ वहां माल्यवान नाम के गंधर्व और पुष्पवती नाम की गंधर्व कन्या का नृत्य आयोजन भी जारी था उसी दौरान उस पुष्पवती की नजर माल्यवान पर पड़ी और वो उनपर मोहित हो गई।
तो बदल गए विचार:
पुष्पवती की भावना गलत मार्ग की और जाने लगीं वह सभा की मर्यादा का मान न रखते हुए अमार्यादित ढंग से नृत्य करने लगी। माल्यवान उन पर मोहित होकर वैसा ही करने लगा। उनकी इस दशा को देख इंद्र क्रोधित हो उठे। उन्होंने क्रोध में दोनों को शाप दे दिया की उन दोनों को पिशाच योनि में जन्म लेना होगा।
इसलिए कर्म से ही सद और दुर्गति प्राप्त होती है। अच्छे कर्म करने वालों को हमेशा मानव तन और इन्ही अच्छे कर्मों से इस संसार सागर से मुक्ति मिलती है।