मां दूर्गा की मूर्ति स्थापना करने जा रहे हैं, तो रखें इन बातों का ध्यान
मां दूर्गा की मूर्ति स्थापना
इस साल चैत्र नवरात्रि दिनांक 22 मार्च से शुरु होने जा रहा है और इसका समापन दिनांक 30 मार्च को होगा. नवरात्रि में मां दूर्गा के नौ स्वरूपों की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति नवरात्रि के नौ दिन व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है और उसके घर की सुख-शांति बनी रहती है. अब ऐसे में अगर आप इस साल मां दूर्गा की प्रतीमा स्थापित करने की सोच रहे हैं, तो कुछ नियमों को जानना बहुत जरूरी है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में मां दूर्गा की मूर्ति स्थापना करने के कुछ नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे.
अगर मां दूर्गा की मूर्ति स्थापना करने जा रहे हैं, तो रखें इन बातों का ध्यान
1. वास्तु शास्त्र में अगर आप मूर्ति स्थापना करने जा रहे हैं, तो दिशा का खास रखना चाहिए. नवरात्रि में दूर्गा मां की स्थापना के लिए उत्तर पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है. इस दिशा में मूर्ति स्थापना करने से शारीरिक और मानसिक लाभ की प्राप्ति होती है. अगर किसी कारण से आप उत्तर-पूर्व दिशा में मूर्ति स्थापना नहीं कर सकते हैं, तो पश्चिम दिशा मूर्ति स्थापना के लिए सबसे शुभ माना जाता है.
2. मां दूर्गा की प्रतिमा स्थापना कभी दक्षिण दिशा में नहीं करना चाहिए. क्योंकि ये दिशा यमराज की मानी जाती है. इसके साथ इस दिशा से नकारात्मक शक्तियां आती है. जिससे घर में कभी सुख-शांति नहीं आता है.
3. अगर नवरात्र में आप मां दूर्गा की प्रतिमा स्थापित करने की सोच रहे हैं, तो ध्यान रहे कि 3 इंच से बड़ी मूर्ति न लगाएं.
4. अगर आप घर में मूर्ति स्थापना कर रहे हैं, तो स्थपना करने से पहले मूर्ति के स्थान पर सिंदूर और साबुत चावल डाल दें. इसके बाद मूर्ति स्थापित करें और उसके नौ दिनों बाद उन चावलों को घर की तिजोरी या फिर रसोईघर में रख दें.
5. प्रतिमा स्थापित करने से पहले करें ये काम
मां की मूर्ति स्थापित करने से पहले इस मंत्र का जाप जरूर करें