आप भी जलाते हैं घर में कपूर तो जान लें सही समय और विधि
जान लें सही समय और विधि
पूजा-पाठ में कई तरह की वस्तुओं का उपयोग किया जाता है। इन्हीं में से एक है कपूर।
कपूर का न सिर्फ पूजा, पाठ आदि के दौरान बल्कि ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में भी बहुत महत्वपूर्ण स्थान माना गया है।
जहां, ज्योतिष में कपूर से जुड़े असरदार उपाय वर्णित हैं। तो वहीं, वास्तु में कपूर रखने की दिशा के बारे में लिखा गया है।
इसके अलावा, कपूर जलाकर घर में उसका धुआं करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इससे सकारात्मकता आती है।
हालांकि कपूर से जुड़े कुछ विशेष नियम भी हैं जिनके बारे में आप में से बहुत से लोगों को कोई जानकारी नहीं होगी।
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि कपूर जलाने के नियम होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक माना गया है।
वहीं, कपूर किस समय और किस पात्र में जलाना चाहिए इसका ध्यान रखना भी जरूरी है तभी कपूर जलाने के लाभ मिलते हैं।
किस समय जलाना चाहिए कपूर?
शास्त्रों में वर्णित जानकारी के अनुसार, कपूर हमेशा ब्रह्म मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त का उपाय) में जलाना चाहिए। यह समय सबसे उत्तम और शुभकारी होता है।
इसके अलावा कपूर को संध्या काल में भी आरती के समय या सायंकाल पूजा के समय जलाया जा सकता है। यह लाभकारी है।
कपूर को कभी भी सुबह की पूजा के दौरान नहीं जलाना चाहिए। सुबह की पूजा के समय घी का दीपक जलाना श्रेष्ठ माना गया है।
किस पात्र में जलाना चाहिए कपूर?
कपूर से जुड़े नियमों के अनुसार, कपूर को कभी मिट्टी के दीपक में नहीं जलाना चाहिए। मान्यता है कि यह तांत्रिक पूजा में आता है।
गृहस्थी लोगों की पूजा सात्विक कहलाती है। एस एमें गृहस्थियों को हमेशा कपूर पीतल (पीतल के उपाय) के दीपक या बर्तन में ही जलाना चाहिए।
पीतल के दीपक में कपूर जलाने से पूजा दोषहीन पूर्ण होती है और उसका फल भी व्यक्ति और उसके परिवार को प्राप्त होता है।
अगर आप भी घर में रोजाना पूजा-पाठ के समय कपूर जलाते हैं तो इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से पहले यह जान लें कि कपूर जलाने का सही समय क्या है और कपूर जलाने से जुड़े नियम कौन से नियम हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें।