दशहरा पूजन के बाद अगर नहीं किया ये छोटा-सा काम तो पूर्ण नहीं होगी पूजा

Update: 2022-10-05 02:25 GMT

हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना महत्व है. अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरे का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन को सत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है. इस साल दशहरा 5 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है. दशहरा के दिन भगवान श्री राम की पूजा की जाती है. देशभर में ये पर्व बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन जो भी काम किया जाता है, उसमें सफलता हासिल होती है. इस दिन मां दुर्गा और भगवान श्री राम की श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना करते हैं. देश के कई हिस्सों में इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा का विधान भी है. इसे बहुत लाभकारी माना गया है. ऐसे में अगर आप भगवान श्री राम की कृपा पाना चाहते हैं तो पूजा के बाद श्री राम की ये आरती और मंत्र जाप अवश्य करें.

दशहरा के दिन पढ़ें ये मंत्र (Dussehra Mantra)

राम रामाय नम:- ॐ अपराजितायै नमः- पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना ।

कवन सो काज कठिन जग माहि, जो नहीं होत तात तुम पाहि ॥

दशहरा आरती (Dussehra Aarti Shri Ram Aarti In Hindi)

श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्

नवकंज-लोचन, कंज-मुख, कर कंज, पद कंजारुणम्

कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनील-नीरद सुंदरम्

पट पीत मानहु तड़ित रुचि शुचि नौमि जनक-सुतानरम्

भजु दीनबंधु दिनेश दानव-दैत्य-वंश-निकंदनम्

रघुनंद आनँदकंद कोशलचंद दशरथ-नंदनम्

सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अंग विभूषणम्

आजानुभुज शर-चाप-धर, संग्राम-जित-खर-दूषणम्

इति वदति तुलसीदास शंकर-शेष-मुनि-मन रंजनम्

मम् हृदय-कंज-निवास कुरु, कामादि खल-दल-गंजनम्

दशहरा पूजन विधि (Dussehra Pujan Vidhi)

शास्त्रों में लिखा है कि दशहरे कि पूजा दोपहर के समय की जाती है. पूजा के लिए इस दिन ईशान कोण में 8 कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल चक्र बनाएं. इस दौरान अष्टदल के बीच में अपराजिताय नमः मंत्र का जप करें. इसके बाद वहां मां दुर्गा और श्री राम की फोटो स्थापित करें. मां को रोली, अक्षत, फूल आदि अर्पित करें. पूजा करें और बाद में भोग लगाएं. आखिर में मंत्र जाप और आरती करें. प्रसाद को परिजनों में बांटें.


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