कैसे करें अजा एकादशी के दिन पूजा

Update: 2023-09-08 07:16 GMT
सनातन धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं हैं लेकिन इन सभी में एकादशी का व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होता हैं। एकादशी की तिथि भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में से एक मानी गई हैं ऐसे में एकादशी के दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते हैं। एकादशी का पावन व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है यह व्रत माह में दो बार पड़ता है ऐसे साल में कुल 24 एकादशी का व्रत किया जाता हैं।
 इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से जीवन के कष्टों का अंत हो जाता हैं। धार्मिक पंचांग के अनुसार अभी भाद्रपद मास चल रहा है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है इस दिन विष्णु साधना आराधना उत्तम मानी गई हैं। इस बार एकादशी का व्रत पूजन 10 सितंबर दिन रविवार को करना उत्तम रहेगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अजा एकादशी की व्रत पूजा विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 अजा एकादशी के दिन ऐसे करें विष्णु पूजा—
अजा एकादशी के पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद मंदिर और पूजन स्थल की अच्छी तरह से साफ सफाई कर चारों ओर गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित कर व्रत पूजन का संकल्प करें। अब विष्णु जी को प्रणाम कर भगवान की पूजा आरंभ करें। श्री हरि को पुष्प, नारियल, सुपारी, फल, लौंग, अगरबत्ती, घी, पंचामृत भोग, तेल का दीपक, तुलसी दल, चंदन जरूर अर्पित करें।
 अब पूजा करें और इस दिन व्रत कथा जरूर सुने या पढ़ें। इसके बाद भगवान की आरती करें और भूल चूक के लिए क्षमा मांगे। अगले दिन व्रत का पारण करें। जरूरतमंदों व गरीबों को अन्न धन का दान दें। इसके बाद अपना व्रत खोलें। मान्यता है कि इस विधि से पूजा पाठ करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता हैं।
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