भगवान् विष्णु की उपासना के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सबसे ज्यादा फलदायी, जानें कैसे करें पाठ?

खरमास में भगवान विष्णु और राम जी की पूजा करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है।

Update: 2021-03-16 13:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विष्णु सहस्रनाम पाठ : खरमास चल रहा है। ये समय मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। जिस वजह से खरमास के पूरे महीने में शादी-ब्याह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि कार्य नहीं किये जाते हैं। खरमास में भगवान विष्णु और राम जी की पूजा करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। भगवान् विष्णु की उपासना के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सबसे ज्यादा फलदायी बताया गया है।

विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के लाभ:
खरमास में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना शुभ माना जाता है। इसमें भगवान के सहस्त्र नामों का उल्लेख है। कहा जाता है कि इसके अद्भुत श्लोक हर तरह की बाधाओं को दूर कर देते हैं। खासतौर से बृहस्पति की पीड़ा को दूर करने के लिए इसका पाठ अत्यंत ही शुभकारी माना गया है।
किन्हें ये पाठ जरूर करना चाहिए? अगर कुंडली में गुरु ग्रह नीच राशि में स्थित हो या कमजोर हो तब इसका पाठ जरूर करना चाहिए। कुंडली में बृहस्पति 6, 8 या 12 वे भाव में हो तब इसका पाठ फलदायी माना जाता है। संतान उत्पत्ति में या वैवाहिक जीवन में बाधा आ रही हो तो भी विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ उत्तम माना जाता है।
कैसे करें पाठ? सुबह के लिए इसका पाठ भगवान विष्णु के समक्ष बैठकर करें। हो सके तो पीले वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु को चने और गुड़ या पीली मिठाई का भोग लगाएं। गुरुवार शाम को नमक का सेवन न करें। जितने भी दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। अगर संस्कृत भाषा में पाठ करना कठिन हो तो आप हिंदी में भी भगवान के नामों का जाप कर सकते हैं।
विष्णु सहस्रनाम का शक्तिशाली मंत्र: कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति भगवान विष्णु के हजार नामों का जाप नहीं कर सकता है तो वह इस एक मंत्र का जाप कर सकता है।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र मंत्र :-
नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे।
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नमः।।


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