धनतेरस पर कैसे करें कुबेर और माता लक्ष्मी को प्रसन्न? जानिए इसकी पूजा विधि एवं भोग

भगवान धन्वंतरि का अवतरण दिवस और धनतेरस 13 नवंबर 2020 दिन शुक्रवार को है। इस दिन खास तरह की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं

Update: 2020-11-12 07:38 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भगवान धन्वंतरि का अवतरण दिवस और धनतेरस 13 नवंबर 2020 दिन शुक्रवार को है। इस दिन खास तरह की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और आपको और आपके परिवार को आरोग्य, सुख और धन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिषाचार्या साक्षी शर्मा के अनुसार धनतेरस को और भी खास कैसे बनाएं? आइए जानते हैं।

धनतेरस पूजन विधि

धनतेरस के दिन सबसे पहले प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा करें। उसके बाद देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करें। पूजा शुरू करने से पहले नए कपड़े के टुकड़े के बीच में मुट्टी भर अनाज रखा जाता है। कपड़े को किसी चौकी या पाटे पर बिछाना चाहिए। कलश में पानी भरें, उसमें गंगाजल मिला लें। इसके साथ ही सुपारी, फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने और अनाज भी इस पर रखें। कुछ लोग कलश में आम के पत्ते भी रखते हैं। पूजा में फूल, फल, चावल, रोली-चंदन, धूप-दीप का उपयोग करना चाहिए।धनतेरस पर कैसा हो भोग?

धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और कुबेर को प्रसन्न करने के लिए खास भोग लगाया जाता है। भगवान कुबेर व माता लक्ष्मी को सफेद रंग की कोई भी मीठी वस्तु और भगवान धन्वंतरि को पीली वस्तु, जिसमें केसर हो, उसका भोग लगाना चाहिए। इससे वो अत्यंत प्रसन्न होते हैं और आपको धन, सुख और आरोग्य का वरदान देते हैं।

कैसे हो देव पूजन?

धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी व भगवान कुबेर का पूजन किया जाता है। भगवान कुबेर को धन का अधिपति कहा जाता है, पूरे विधि-विधान से जो भी कुबेर देव की पूजा करता है। उसके घर में कभी धन की कमी नहीं रहती है। इस दिन धन्वंतरि जी का पूजन भी करना चाहिए।

धनतेरस शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर खरीदारी का विशेष महत्व होता है, इसलिए 12 नवंबर को खरीदारी का शुभ मुहूर्त रात 11:30 से 1:07 बजे तक है। 13 नवंबर को खरीदारी का शुभ मुहूर्त सुबह 5:59 से 10:06 बजे तक, सुबह 11:08 से दोपहर 12:51 बजे तक और दोपहर 3:38 मिनट से शाम 5:00 बजे तक है।

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