नरक चतुर्दशी के दिन कैसे जलाएं दीया, जानिए शुभ मुहूर्त व महत्व

छोटी दिवाली को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के 14वें दिन मनाया जाता है। इसे काली चौदस भी कहते हैं। यह पर्व 14वें दिन आता है, जिसके कारण इसे चतुर्दशी भी कहा जाता है। छोटी दिवाली को नरक चौदस, नरक चतुर्दशी, यम चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहते हैं।

Update: 2021-11-03 06:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व होता है। दिवाली में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लक्ष्मी जी को वैभव के साथ सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करने वाला माना जाता है। अगर छोटी दिवाली (छोटी दीपावली) की बात करें तो यह पर्व बड़ी दिवाली ये ठीक एक दिन पहले आता है। इस साल छोटी दिवाली 3 नवंबर, बुधवार को है।

छोटी दिवाली को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के 14वें दिन मनाया जाता है। इसे काली चौदस भी कहते हैं। यह पर्व 14वें दिन आता है, जिसके कारण इसे चतुर्दशी भी कहा जाता है। छोटी दिवाली को नरक चौदस, नरक चतुर्दशी, यम चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहते हैं।
छोटी दिवाली का महत्व-
नरक चतुर्दशी के दिन यमदेव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन यमदेव के नाम का दीपक जलाने व पूजन करने से नरक जाने से मुक्ति मिलती है और सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन स्नान करने के बाद राधा-कृष्ण मंदिर जाकर दर्शन करने से पापों का नाश होता है। मान्यता है कि इस दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसलिए बजरंगबली की विशेष पूजा की जाती है।
छोटी दीपावली का शुभ मुहूर्त
अभयंगा स्नान मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 40 मिनट से सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक।
नरक चतुर्दशी के दिन कैसे जलाएं दीया-
छोटी दिवाली की रात यम के नाम का दीपक जलाया जाता है। घर के बड़े सदस्य को यम के नाम का एक बड़ा दीया जलाना चाहिए। इसके बाद इस दीये को पूरे घर में घुमाएं। अब घर से बाहर जाकर इस दीये को रख आएं। घर के अन्य लोग घर पर ही रहें और इस दीये को न देखें।


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