शनि की साढ़ेसाती या ढय्या को इस तरह पहचाने...जाने अशुभ परिणाम से कैसे बचें
ज्योतिषीय गणनाओं में शनि ग्रह को कष्ट का कारक बताया गया है। ऐसे में यदि आपको भी शनि की दशा जैसे साढ़ेसाती या ढय्या से कष्ट हो रहा है,
जनता से रिश्ता वेबडेसक | ज्योतिषीय गणनाओं में शनि ग्रह को कष्ट का कारक बताया गया है। ऐसे में यदि आपको भी शनि की दशा जैसे साढ़ेसाती या ढय्या से कष्ट हो रहा है, तो आप अपने जीवन के कुछ विशेष बदलावों से इसका पता लगा सकते हैं। ज्योतिषाचार्या साक्षी शर्मा के अनुसार, शनिदेव की आप पर कष्टदायी दशा को कैसे पहचान सकते हैं, आइए जानते हैं इसके बारे में।
1. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शनि महाराज का रंग काला और नीला बताया गया है। जब शनिदेव अशुभ प्रभाव देते हैं तो उस व्यक्ति के बाल तेजी से गिरने लगते हैं। ऐसे व्यक्ति को सावधान हो जाना चाहिए और शनि देव की पूजा और व्रत करना चाहिए ताकि उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहे। वैसे आप यह भी जान लीजिए कि सूर्य का प्रतिकूल प्रभाव होने पर भी बाल तेजी से गिरने लगते हैं और गंजापन आने लगता है।
2. शनि जब आप पर भारी होता है, तो बहुत से लोगों के माथे का रंग बदलने लगता है। माथे का तेज धीरे-धीरे खत्म होने लगता है और ललाट पर कालापन नजर आने लगता है। ऐसे व्यक्ति को हर कार्य संभलकर करना चाहिए क्योंकि उन पर कलंक लगने का भय रहता है। ऐसे व्यक्ति को अपयश का सामना करना पड़ सकता है और व्यक्ति सोचता कुछ और होता कुछ है।
3. शनि जब भारी होकर अशुभ प्रभाव देता है, तो व्यक्ति को अनैतिक चीजें करने का मन करता है। उसका शेयर सट्टे में पैसा लगाने का शौक बढ़ जाता है और गलत संगत में आ जाता है। शनि का प्रभाव व्यक्ति की सोच को बदल देता है और वह ऐसे कार्यों को करने लग जाता है, जिनसे उनको आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।
4. शनि जब अशुभ प्रभाव देते हैं, तो परिवार और कारोबार में चीजें खराब होने लगती हैं और कार्य बिगड़ने लगते हैं। साथ ही कारोबार के स्थान और घर में आग लगने का भय भी बना रहता है, इसलिए अपने व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाएं और शनिदेव से प्रार्थना करें।
5. शनिदेव के कुपित होने की स्थिति में व्यक्ति अपने से नीचे तबके के लोगों को अपमानित करता है। यदि आपका व्यवहार भी अपने से नीचे काम करने वालों के साथ अच्छा नहीं है, तो आपको शनिदेव के कुपित होने का भय होना चाहिए।