कैसे मनाएं ओणम का त्योहार कि उन्नति और खुशहाली आए घर में आपार

Update: 2023-08-29 07:12 GMT
ओणम फेस्टिवल को मुख्य रूप से केरल में मनाया जाता है, जो भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है. ओणम एक प्रमुख हिन्दू फेस्टिवल है जो सावन के महीने में मनाया जाता है, जो मलयालम कैलेंडर के चिंगम माह कहा जाता है. 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के आखिरी दिन को ओणम कहते हैं. इस दिन सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. ओणम के दिन से मलयालम नववर्ष की शुरुआत भी होती है. राजा महाबलि और भगवान विष्णु के समर्पित ये ओणम का त्योहार आज है, इसे क्यों मनाया जाता है और इससे जुड़ी खास बातें क्या हैं जिससे आपके घर में उन्नति और खुशहाली आती है आइए जानते हैं.
आज है ओणम का त्योहार
हिंदू पंचांग के अनुसार ओणम 29 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा. इसे दक्षिण भारत में थिरुवोणम् भी कहते हैं. सुबह 02 बजकर 43 मिनट से शुरु हो चुका ओणम आज रात 11 बजकर 50 मिनट तक मनाया जाएगा.
ओणम का त्योहार क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब असुर राज महाबलि ने देव लोक में अपना राज स्थापित कर लिया था तब उनकी परीक्षा लेने एक ब्राह्मण आए. उस ब्राह्मण की इच्छी पूरी करने के लिए राजा ने जो किया उसके परिणाम स्वरूप उन्हें पाताल लोक जाना पड़ा. आइए जानते हैं ओणम के दिन राजा महाबलि की कहानी.
वामन अवतार में राजा महाबलि से जो ब्राह्मण मिलने आए वो कोई और नहीं भगवान विष्णु ही थे, जिन्होंने राजा महाबलि से तीन पग भूमि मांगी थी. दो पग में उन्होंने आकाश और धरती नाप ली. जब कोई जगह नहीं बची तो तीसरी पग के लिए महाबलि ने अपना सिर आगे कर दिया.
राजा महाबलि की उदारता देखकर विष्णु जी ने उन्हें पाताल भेज दिया. श्रीहरि ने राजा महाबलि को पाताल का राजा बना दिया. श्रीहरि महाबलि से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने वरदान दिया कि साल में एक बार तुम अपनी प्रजा से मिलने जा सकते हैं. इसके बाद राजा बलि हर साल सावन माह के श्रवण नक्षत्र में अपनी प्रजा की सुध लेने धरती पर आते हैं.
 कैसे मनाते हैं ओणम का त्योहार
ओणम पर लोग रंगोली बनाकर राजा महाबलि का स्वागत करते हैं. एक-दूसरे को पर्व की बधाई देते हैं.
पकवानों से थालियों को सजाया जाता है और साध्या को तैयार किया जाता है. कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है.
ओणम का त्योहर कृषि से भी जुड़ा है. कहते हैं फसल पकने की खुशी में लोग इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं. साथ ही अगली उपज में वृद्धि के लिए कामना करते हैं.
इस उत्सव के दौरान, लोग घरों को फूलों, रंगों और दिव्यांगता से सजाते हैं और पूकोलंबु नामक फूलों के एक विशेष आकार की रंगोली बनाते हैं. इसके साथ ही, नृत्य, गीत, परंपरागत खेल और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन भी किया जाता है.
ओणम का महत्वपूर्ण हिस्सा खाद्य प्रणाली होता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के साउथ इंडियन फूड (साध्या) बनते हैं.
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