वास्तुशास्त्र हम सभी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता हैं इसमें व्यक्ति के जीवन और घर से जुड़ी हर एक चीज़ को लेकर नियम और रख रखाव के तरीके पर जोर दिया गया हैं। वास्तुशास्त्र की मानें तो घर बनाते वक्त न केवल उसकी रचना बलिक जगह, उसकी दिशा और उस जगह का ढलान आदि से जुड़ी बातों का भी ध्यान रखना जरूरी होता हैं। वास्तु कहता हैं कि घर बनाते वक्त हर चीज सही दिशा में होनी जरूरी हैं, माना जाता हैं कि अगर वास्तु अनुसार घर बना हो तो व्यक्ति के जीवन में खुशहाली, समृद्धि और संपन्नता हमेशा बनी रहती हैं, तो आइए जानते हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर—
वास्तु विज्ञान की मानें तो अगर घर का नक्शा वास्तु अनुसार बनवाया जाए या फिर भवन निर्माण कराते वक्त वास्तु नियमों का ध्यान रखा जाए तो जीवन में सदा सुख समृद्धि बनी रहती हैं ऐसे में वास्तु अनुसार घर की रसोई के लिए दक्षिण पूर्व का कोना सबसे शुभ माना जाता हैं भूलकर भी रसोई को घर के प्रवेश द्वार के सामने नहीं बनवाना चाहिए इसे अच्छा नहीं माना जाता हैं इसके अलावा बेडरूम हमेशा ही दक्षिण पश्चिम कोने पर बनवाना चाहिए।
बेडरुम अगर चौकोर या फिर आयताकार हो तो ज्यादा अच्छा होगा। वास्तु अनुसार शयन कक्ष का दरवाजा ऐसा होना चाहिए कि वो नब्बे डिग्री पर खुले। माना जाता है कि ऐसा होने से सकारात्मकता बनी रहती हैं। इसके अलावा भोजन के लिए अगल से एक कक्ष होना चाहिए।
जो दक्षिणी दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। साथ ही बैठक के लिए कमरे का निर्माण आप उत्तर, पूर्व और दक्षिण या पश्चिम दिशा ठीक रहती हैं। वही छत और बालकनी को घर के उत्तर, पूर्व या फिर उत्तर पूर्व में बनवाना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य, धन और खुशहाली आती हैं। वही पानी की टंकी व भूमिगत जल के लिए उत्तर पूर्व की दिशा उपयुक्त मानी जाती हैं।