बुध ग्रह के दो पिता कैसे हुए, जानें पूरी कहानी
बुध ग्रह यानी कि तीन नक्षत्रों अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती का स्वामी।
बुध ग्रह यानी कि तीन नक्षत्रों अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती का स्वामी। एक ऐसा ग्रह जिसे ज्योतिषशास्त्र में शुभ ग्रह माना गया है। हालांकि कुंडली में अगर यह किसी अशुभ प्रभाव देने वाले ग्रह के साथ बैठ जाए तो यह भी अशुभ ही प्रभाव देता है। यानी कि यह जिस ग्रह के साथ कुंडली में बैठता उसका असर इसके ऊपर साफ दिखाई देता है। बुध ग्रह मजबूत हो तो जातक अत्यंत बुद्धिमान होता है। साथ ही उसे प्रत्येक कार्य में सफलता भी मिलती है। लेकिन यह कमजोर हो तो जातकों को तमाम परेशानियों का सामाना भी करना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुध के इस स्वभाव का कारण क्या है? अगर नहीं तो यह आर्टिकल आपके बहुत काम का है क्योंकि यहां हम आपको बता रहे हैं कि बुध ग्रह का यह व्यवहार उनके 2 पिता के होने के कारण भी है…