होलाष्टक इन आसान उपायों को करके जीवन में ला सकते है समृद्धि

होलाष्टक 22 मार्च से लग रहे हैं जो 28 मार्च को समाप्त होंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार, होलाष्टक के दौरान शादी, विवाह, वाहन खरीदना या घर खरीदना एवं अन्य प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।

Update: 2021-03-02 15:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | होलाष्टक 22 मार्च से लग रहे हैं जो 28 मार्च को समाप्त होंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार, होलाष्टक के दौरान शादी, विवाह, वाहन खरीदना या घर खरीदना एवं अन्य प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू हो जाते हैं। इस दौरान पूजा पाठ करने और भगवान का स्मरण भजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि होलाष्टक में कुछ विशेष उपाय करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं।

आर्थिक जीवन में यदि कठिनाई का सामना कर रहे हैं तो होलाष्टक के दौरान श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करवाएं। मान्यता है कि यह उपाय करने से आपके ऊपर से कर्ज का बोझ उतर सकता है। साथ ही आपका आर्थिक जीवन मजबूत होगा।

अगर किसी छात्र का पढाई में मन नहीं लग रहा है तो उसे होलाष्टक के दौरान गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए। साथ ही भगवान गणेश जी को मोदक व दूर्वा चढ़ाना चाहिए। यह उपाय छात्रों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।

मान्यता है कि निःसंतान दंपतियों के लिए होलाष्टक में लड्डु गोपाल की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान उन्हें गाय के शुद्ध घी और मिश्री का भोग लगाना चाहिए। यह उपाय करने से उन्हें संतान प्राप्ति होगी। 

मान्यता के अनुसार, होलाष्टक में हनुमान चालीसा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह उपाय करने से आपके जीवन में खुशियां आती हैं। जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

मान्यता के अनुसार, होलाष्टक में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। यह उपाय करने से जातकों को असाध्य रोग से मुक्ति मिलती है। होलाष्टक की अवधि में जातकों को अधिक से अधिक ईश्वर का ध्यान, भजन, जप-तप, स्वाध्याय व वैदिक अनुष्ठान करना चाहिए। ताकि समस्त कष्ट, विघ्न व संतापों का क्षय हो सके।

होलाष्टक में क्या न करें

  • होलाष्टक के दौरान विवाह आदि मांगलिक कार्य संपन्न नहीं करना चाहिए।
  • नए घर में गृह प्रवेश भी नहीं करना चाहिए।
  • भूमि पूजन भी इन दिनों में न ही किया जाये तो बेहतर रहता है।

होलाष्टक में क्या करें

  • अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना करें।
  • व्रत उपवास करें।
  • धर्म कर्म के कार्य करें।
  • सामर्थ्य के अनुसार जरुरतमंदों को दान करें।



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