भगवान शिव-पार्वती के पुनर्मिलन पर मनाया जाता है हरियाली तीज

भगवान शिव-पार्वती के पुनर्मिलन पर हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। हरियाली तीज सावन मास में शुक्ल पक्ष की तृतीय को मनाई जाती है। हरियाली तीज का व्रत पति की लंबी आयु के लिये रखा जाता है।

Update: 2022-07-31 03:23 GMT

भगवान शिव-पार्वती के पुनर्मिलन पर हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। हरियाली तीज सावन मास में शुक्ल पक्ष की तृतीय को मनाई जाती है। हरियाली तीज का व्रत पति की लंबी आयु के लिये रखा जाता है। जो सुहागिन महिलायें सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करती है। उनको अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कुंवारी कन्यायें भी सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करती है।

बिजनौर सिविल लाइन स्थित धार्मिक संस्थान विष्णुलोक के ज्योतिषविद पंड़ित ललित शर्मा ने बताया कि इस साल हरियाली तीज का उत्सव 31 जुलाई दिन रविवार को मनाया जायेगा।

तृतीया तिथि की समाप्ति एक अगस्त 2022 को सुबह 4:19 मिनट पर होगी। सावन मास में जब संपूर्ण प्रकृति हरी ओढ़नी से आच्छादित होती है, उस अवसर पर महिलाओं के मन-मयूर नृत्य करने लगते है।

सनातन धर्म में हरे रंग को प्रकृति का रंग माना जाता है। सावन के महीने में बारिश होने से चारों ओर हरियाली छा जाती है। इस कारण मन शांत व प्रसन्न रहता है। हरियाली तीज का उत्सव शिव-पार्वती के पुनमिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन महिलायें झूला झूलती है और सोलर श्रृंगार करती है।


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