Guru Vakri 2021: 14 सितंबर को गुरु, मकर राशि में करेंगे प्रवेश, मकर राशि में शनि के साथ गुरु नीच राजयोग भंग भी बना रहे
गुरु का मकर राशि में प्रवेश होने जा रहा है. सितंबर माह में मकर राशि में शनि के साथ गुरु नीच राजयोग भंग भी बना रहे हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Guru Vakri 2021: गुरु को ज्योतिष शास्त्र में सबसे बड़ा ग्रह माना गया है. शास्त्रों में गुरु को देवताओं का गुरु भी कहा गया है. इसलिए इन्हें देव गुरु बृहस्पति भी कहा जाता है. वर्तमान समय में गुरु वक्री हैं. कुंभ राशि में गुरु वक्री होकर गोचर कर रहे हैं. लेकिन सितंबर माह में गुरु मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. 20 जून 2021 को गुरु कुंभ राशि में वक्री हुए थे.
गुरु का स्वभाव
ज्योतिष शास्त्र में गुरु को शुभ फल देना वाला ग्रह माना गया है. गुरु का संबंध ज्ञान, उच्च पद, प्रशासनिक कार्य और धर्म से भी है. गुरु शुभ होने व्यक्ति को ज्ञान प्रदान करते हैं. ऐसे लोग कुशल प्रशासक यानि प्रशासनिक अधिकारी होते हैं. मंत्री आदि जैसे उच्च पद भी गुरु की कृपा से ही प्राप्त होते हैं. वहीं गुरु अशुभ फल भी प्रदान करते हैं, गुरु अशुभ होने पर पेट संबंधी रोग भी प्रदान करते हैं. मारकेश की स्थिति में गुरु नकारात्मक फल प्रदान करते हैं. लेकिन गुरु के बारे में ये भी मान्यता है कि गुरु अशुभता अन्य अशुभ ग्रहों से कम ही होती हैं, क्योंकि गुरु शुभ ग्रह हैं.
मकर राशि में गुरु बनाएंगे नीच राजयोग भंग
मकर राशि का स्वामी शनि को माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब मकर राशि में गुरु, शनि देव के साथ युति बनाकर गोचर करते हैं, तो इस स्थिति में नीच राजयोग भंग की स्थिति बनती है. इस स्थिति में गुरु शुभ फल ही प्रदान करते हैं, लेकिन शनि के साथ आने के कारण इनके फलों में बदलाव आता है. शनि न्याय के देवता है और गुरु ज्ञान के कारक हैं. इसलिए इस दौरान गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए. गलत कार्य करने पर अशुभ फल प्राप्त होंते हैं. इसलिए अच्छे और श्रेष्ठ कार्य करने चाहिए.
गुरु मार्गी कब होंगे
गुरु कुंंभ राशि में वक्री होकर गोचर कर रहे हैं, गुरु अब 14 सितंबर 2021 को मार्गी होने जा रहे हैं. विशेष बात ये है कि अवधि कुछ समय के लिए ही बन रही है. पंचांग के अनुसार गुरु पूर्ण रूप से 18 अक्टूबर 2021, सोमवार को प्रात: 11 बजे पुन: मार्गी हो जाएंगे. इस दौरान कुछ समय के लिए गुरु मकर राशि में शनि के साथ भी युति बनाएंगे.