24 जुलाई को हैं गुरु पूर्णिमा, बन रहा है ये शुभ योग

देशभर में 24 जुलाई 2021 (शनिवार) को आषाढ़-गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी

Update: 2021-07-22 04:31 GMT

देशभर में 24 जुलाई 2021 (शनिवार) को आषाढ़-गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा स्नान व दान करना बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है. मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को ही वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. महर्षि वेदव्यास के जन्म पर सदियों से गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजा की जाती है. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में कुल पुराणों की संख्या 18 है. इन सभी के रचयिता महर्षि वेदव्यास हैं. स्वयं शास्त्रों में भी गुरु का स्थान ईश्वर के समान बताया गया है, क्योंकि वह गुरु ही होता है जो व्यक्ति के ज्ञान में वृद्धि करता है. गुरु द्वारा दिखाए गए मार्ग और ज्ञान से ही व्यक्ति समय-समय पर अपने जीवन में आ रहे हर अंधकार को दूर कर सफलता की सीढ़ी चढ़ता है. इसलिए भी गुरु पूर्णिमा का महत्व बढ़ जाता है.

गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि 23 जुलाई 2021, शुक्रवार की सुबह 10 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर 24 जुलाई 2021, शनिवार की सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगी.
गुरु पूर्णिमा का महत्व
सभी धर्मों में गुरु का स्थान सर्वोच्च माना गया है. कई पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत के रचयिता महान ऋषि वेद व्यास जी का जन्म गुरु पूर्णिमा के दिन ही हुआ था, यही कारण है कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस दिन लोग ऋषि वेद व्यास जी की पूजा के साथ ही अपने गुरु, इष्ट और आराध्य देवताओं की पूजा करते हुए, उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. ये पर्व एक परंपरा के रूप में गुरुकुल काल से ही मनाया जाता रहा है.
गुरु पूर्णिमा पर बन रहे ये शुभ योग
इस साल गुरु पूर्णिमा पर विष्कुंभ योग सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक, प्रीति योग 25 जुलाई की सुबह 03 बजकर 16 मिनट तक और इसके बाद आयुष्मान योग लगेगा. ज्योतिष शास्त्र में प्रीति और आयुष्मान योग का एक साथ बनना शुभ माना जाता है. प्रीति और आयुष्मान योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है. विष्कुंभ योग को वैदिक ज्योतिष में शुभ योगों में नहीं गिना जाता है.
गुरु पूर्णिमा की पूजा
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु पूर्णिमा पर पान के पत्ते, पानी वाले नारियल, मोदक, कपूर, लौंग, इलायची के साथ पूजन से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
-कहते हैं कि गंगा स्नान से अस्थमा और त्वचा रोग में लाभ मिलता है.
-गुरु पूर्णिमा के दिन वैदिक मंत्र जाप और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से गुरु की खास कृपा मिलती है.
-मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा की रात खीर बनाकर दान करने से मानसिक शांति मिलती है. साथ ही चंद्र ग्रह का प्रभाव भी दूर होता है.
-याज्ञवल्य ऋषि के वरदान से वृक्षराज (बरगद) को जीवनदान मिला था. इसलिए गुरु पूर्णिमा पर बरगद के पेड़ की भी पूजा की जाती है.


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