Govardhan Puja ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन दिवाली को बहुत ही खास माना जाता है जो कि पूरे पांच दिनों तक मनाई जाती है इसकी शुरूआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज के दिन हो जाता है दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है।
इस दिन भगवान कृष्ण और गायों की पूजा का विधान होता है। गोवर्धन को कुछ जगहों पर अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा की जाती है। इस साल दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा की जाएगी। मगर तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस साल गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को को मनाया जा रहा है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा गोवर्धन पूजा की सरल विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
गोवर्धन पूजा की सरल विधि—
आपको बता दें कि गोवर्धन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा बनाएं। इसके बाद मूर्ति को फूलों व रंगों से सजाएं। अब गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा करें भगवान को जल, दीपक, धूप, फल और उपहार अर्पित करें।
इसके बाद कढ़ी और अन्नकूट चावल का भोग लगाएं। इसके बाद गाय, बैल और विश्वकर्मा जी की पूजा करें। पूजा के बाद गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा करें। इस दौरान जल को हाथ में लेकर मंत्र जाप जरूर करें। अंत में आरती करके अपनी पूजा को समाप्त करें। माना जाता है कि इस विधि से पूजा करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।