अगहन मास में मां लक्ष्मी की होती है विशेष आराधना, जानिए इसकी व्रत विधि

इस महीने में हर गुरुवार को मां लक्ष्मी की धूमधाम से पूजा होती है

Update: 2020-12-03 14:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मार्गशीर्ष मास को अगहन मास भी कहते हैं. ये महीना मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. इस महीने में मां लक्ष्मी की विशेष आराधना की जाती है. आज मार्गशीर्ष मास का पहला गुरुवार है इसलिए आज मां लक्ष्मी की स्थापना की गई है. मार्गशीर्ष मास के हर गुरूवार को मां लक्ष्मी का व्रत रखने की परंपरा है.

मार्गशीर्ष मास में मां लक्ष्मी के पूजन का महत्व
इस महीने में हर गुरुवार को मां लक्ष्मी की धूमधाम से पूजा होती है. कहते हैं कि जो भी इस महीने में व्रत रखकर मां लक्ष्मी की पूजा करता है उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और उसके जीवन से सारी कठिनाईयां दूर हो जाती हैं. कई जगह इस दिन दीपदान भी किया जाता है. इसमें शंख पूजा का भी विशेष महत्व है. इस दिन महिलाएं चावल के लेप से रंगोली बनाकर मां लक्ष्मी का स्वागत करती हैं.
ऐसे की जाती है मां लक्ष्मी की पूजा
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें. चावल के आटे के घोल से अल्पना बनाएं. इसके बाद मां लक्ष्मी का आसन सजाएं. इसके लिए आम का पत्ता, आंवले का पत्ता और धान की बालियों का इस्तेमाल करें. इसके बाद कलश स्थापित करें. अब मां लक्ष्मी और गणेश का पूजन करें. मां लक्ष्मी को विशेष प्रकार के पकवानों का भोग लगाएं. ऐसी मान्यता है कि इस महीने हर गुरुवार को अलग-अलग पकवान चढ़ाने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मार्गशीर्ष के हर गुरुवार को मां लक्ष्मी पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.


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