Gita Jayanti 2022: लव लाइफ को बनाना हैं बेस्ट, तो करें ये उपाय

आज गीता जयंती मनाई जा रही है. ये पर्व हर वर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है.

Update: 2022-12-16 10:44 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज गीता जयंती मनाई जा रही है. ये पर्व हर वर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है. श्रीमद्भगवत गीता एक पवित्र ग्रंथ है जिसमें स्वयं भगवान कृष्ण के द्वारा अर्जुन को दी गई सीख का वर्णन है. गीता ज्ञान का भंडार है. इसमें जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर समस्याओं से निपटने के मार्ग बताए गए हैं. आप अपनी लव लाइफ में गीता की बातों का अनुसरण कर उसे और बेहतर बना सकते हैं.

उम्मीद न करें - हमें उम्मीद नहीं करना चाहिए. उम्मीद तनाव का कारण होता है. प्रेमी जोड़ों के बीच अपेक्षाओं की वजह से तनाव पैदा हो जाता है. गीता के मुताबिक प्रेम मुक्ति का सोर्स है, वो हमें मुक्त करता है. इसलिए व्यक्ति को सामने वाले को समझने के लिए समय देना चाहिए और ये उम्मीद नहीं करना चाहिए कि वो आपके मुताबिक सबकुछ समझ ही जाएंगे. कमियों के बाद भी व्यक्ति प्यार करने के काबिल होता है.
खुद से प्यार करें
आजकल लोग अपने पार्टनर की खुशी को खुद से ऊपर रखने लगे हैं और ये बात आम हो गई है. दूसरी ओर, गीता आत्म-जागरूकता और आत्म-प्रेम के महत्व पर बल देती है. गीता के मुताबिक, एक व्यक्ति दूसरों को तभी खुश कर सकता है जब वो खुद संतुष्ट हो. अगर आप खुद से प्यार करते हैं तो आपके भीतर प्रेम का शुद्ध रूप दिखता है, उसके अलावा और कुछ भी नहीं. खुद से प्यार करने वाला इंसान दूसरों से भी उतना ही प्यार करता है. इस तरह प्यार करने वाला व्यक्ति आर्थिक और भावनात्मक रूप से भी सिक्योर रहता है.
बिना शर्त करें समर्पण
बहुत से लोग लव लाइफ में उतार-चढ़ाव का अनुभव करते हैं. गीता सलाह देती है कि आनंद के चरम स्तर तक पहुंचने और खुद से जुड़ाव के लिए प्रेम समर्पण की कुंजी है. आपको अपने पार्टनर पर विश्वास है, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं. सच्चा प्यार भरोसे को प्रेरित करता है और दूसरे व्यक्ति के लिए पूरी तरह से खुलना संभव बनाता है.
लक्ष्य बड़ा हो
प्यार की भावना में काफी ताकत होती है जो चीजों को आग लगा सकती है या उन्हें पिघला सकती है. वर्तमान में भौतिकवाद, अहंकार, वासना और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं से लोग परेशान रहते हैं. ऐसे में अगर हम अपने गुस्से को खुद पर हावी होने देते हैं तो हम कभी भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाएंगे. हमारे संबंध कभी भी मजबूत नहीं होंगे और हम हमेशा जीवन के प्रति कटु रहेंगे. अगर इन भावनाओं के साथ आप अपने रिश्ते को आगे बढ़ाते हैं तो ये आपके रिश्ते को हमेशा के लिए खत्म कर सकता है. हमें इस बात को समझना होगा कि हम कुछ पेड़ों के लिए जंगल को नहीं खो सकते.
सच्चाई से मिलेगी जीत
स्वयं के भीतर शांति और संतोष आत्म-जागरूकता और आत्म-प्रेम के परिणाम हैं. किसी अपने को खुश करने के लिए, झूठ बोलना आम बात है. दूसरी ओर, गीता तर्क देती है कि व्यक्ति को हमेशा प्रेम को चुनना चाहिए. दूसरों पर जीत हासिल करने के लिए, उनके लिए यह महसूस करना आवश्यक है कि हमें इस तरह की नकारात्मक भावनाओं को मन में रखना बंद करना चाहिए और इसके बजाय प्यार बांटने पर ध्यान देना चाहिए. हर किसी में प्यार की चाहत होती है जिसे आप अपने सच्चे व्यवहार से जीत सकते हैं.

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