Garuda Purana : गरुड़ पुराण में संक्रमण से बचने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए, जानिए

इस समय कोरोना जैसी महामारी ने दुनियाभर को अपने पैर पसार लिए हैं और इसे पूरी तरह से नियंत्रित कर पाना मुश्किल हो रहा है. पहले के समय ऐसे संक्रमण से बचने के लिए कुछ नियमों का पालन किया जाता था. गरुड़ पुराण में भी इसके बारे में बताया गया है.

Update: 2021-09-06 05:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वर्तमान समय में कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए तमाम विकल्प हैं, लेकिन पहले के समय में इस तरह की समस्या से उबरने के लिए इतनी सुविधाएं नहीं होती थीं. ऐसे में लोग सावधानियों को बरतकर और अपने अनुभव व विवेक से इन परेशानियों से अपना बचाव करते थे.

संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सूतक-पातक के नियम और स्वच्छ रहने के नियम बनाए गए हैं. गरुड़ पुराण में भी इस तरह के ​कई नियमों के बारे में बताया गया है, जो व्यक्ति को महामारी जैसे संकट से बचाने के साथ तमाम तरह के संक्रमण से बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए इन नियमों का पालन जरूरी है. जानिए इस बारे में क्या कहता है गरुड़ पुराण.
महामारी के समय क्या करना चाहिए
गरुड़ पुराण के अनुसार यदि घर में किसी को ऐसा संक्रामक रोग हो गया है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच फैल सकता है, ऐसे में उस व्यक्ति को घर से बाहर एक अलग कुटिया बनाकर रहना चाहिए. पहले के समय में ऐसे संकट से बाकी लोगों को बचाने के लिए कई बार संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्ति के रहने का प्रबंध उसके गांव से बाहर कर दिया जाता था. इस दौरान रोगी को साफ सफाई से जुड़े कुछ नियम बताए जाते थे, जिनका उसे पालन करना होता था. आज के समय में ऐसे लोगों को एक अलग कमरे में क्वारंटीन हो जाने का नियम बनाया गया है, जिसका पूरी तरह पालन करना चाहिए और रोगी को घर के किसी दूसरे सदस्य के संपर्क में नहीं आना चाहिए.
एक बार का पहना कपड़ा दोबारा न पहनें
गरुड़ पुराण के अनुसार सिर्फ रोगी ही नहीं, बल्कि किसी भी व्यक्ति को कोई भी वस्त्र एक दिन से ज्यादा नहीं पहना चाहिए क्योंकि ये जीवाणु और विषाणुयुक्त हो जाता है. एक दिन पहनने के बाद इसे अच्छे से धोना और सुखाना चाहिए. इसके बाद ही धारण करना चाहिए. रोगी को इस बात का विशेष खयाल रखना चाहिए.
गीले वस्त्र से शरीर न पोंछे
कभी भी स्नान के बाद गीले तौलिया या कपड़े से शरीर को नहीं पोंछना चाहिए. इससे त्वचा में संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है. साथ ही मलमूत्र त्याग के समय नाक, मुंह और सिर ढका रहना चाहिए. उस स्थान पर संक्रमण फैलने की आशंका कहीं ज्यादा होती है.
समय समय पर हवन करें
हवन करने से घर का शुद्धिकरण होता है और घर में सकारात्मकता बनी रहती है. इसलिए घर में समय समय पर हवन करते रहना चाहिए. ऐसा करने से तमाम बीमारियों से बचाव हो जाता है. इसके अलावा शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए. रात्रि से पूर्व ही भोजन कर लेना चाहिए और हमेशा हाथ धोकर ही भोजन करना चाहिए.
वर्तमान समय में कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए तमाम विकल्प हैं, लेकिन पहले के समय में इस तरह की समस्या से उबरने के लिए इतनी सुविधाएं नहीं होती थीं. ऐसे में लोग सावधानियों को बरतकर और अपने अनुभव व विवेक से इन परेशानियों से अपना बचाव करते थे.
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सूतक-पातक के नियम और स्वच्छ रहने के नियम बनाए गए हैं. गरुड़ पुराण में भी इस तरह के ​कई नियमों के बारे में बताया गया है, जो व्यक्ति को महामारी जैसे संकट से बचाने के साथ तमाम तरह के संक्रमण से बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए इन नियमों का पालन जरूरी है. जानिए इस बारे में क्या कहता है गरुड़ पुराण.
महामारी के समय क्या करना चाहिए
गरुड़ पुराण के अनुसार यदि घर में किसी को ऐसा संक्रामक रोग हो गया है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच फैल सकता है, ऐसे में उस व्यक्ति को घर से बाहर एक अलग कुटिया बनाकर रहना चाहिए. पहले के समय में ऐसे संकट से बाकी लोगों को बचाने के लिए कई बार संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्ति के रहने का प्रबंध उसके गांव से बाहर कर दिया जाता था. इस दौरान रोगी को साफ सफाई से जुड़े कुछ नियम बताए जाते थे, जिनका उसे पालन करना होता था. आज के समय में ऐसे लोगों को एक अलग कमरे में क्वारंटीन हो जाने का नियम बनाया गया है, जिसका पूरी तरह पालन करना चाहिए और रोगी को घर के किसी दूसरे सदस्य के संपर्क में नहीं आना चाहिए.
एक बार का पहना कपड़ा दोबारा न पहनें
गरुड़ पुराण के अनुसार सिर्फ रोगी ही नहीं, बल्कि किसी भी व्यक्ति को कोई भी वस्त्र एक दिन से ज्यादा नहीं पहना चाहिए क्योंकि ये जीवाणु और विषाणुयुक्त हो जाता है. एक दिन पहनने के बाद इसे अच्छे से धोना और सुखाना चाहिए. इसके बाद ही धारण करना चाहिए. रोगी को इस बात का विशेष खयाल रखना चाहिए.
गीले वस्त्र से शरीर न पोंछे
कभी भी स्नान के बाद गीले तौलिया या कपड़े से शरीर को नहीं पोंछना चाहिए. इससे त्वचा में संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है. साथ ही मलमूत्र त्याग के समय नाक, मुंह और सिर ढका रहना चाहिए. उस स्थान पर संक्रमण फैलने की आशंका कहीं ज्यादा होती है.
समय समय पर हवन करें
हवन करने से घर का शुद्धिकरण होता है और घर में सकारात्मकता बनी रहती है. इसलिए घर में समय समय पर हवन करते रहना चाहिए. ऐसा करने से तमाम बीमारियों से बचाव हो जाता है. इसके अलावा शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए. रात्रि से पूर्व ही भोजन कर लेना चाहिए और हमेशा हाथ धोकर ही भोजन करना चाहिए.


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