Garuda Purana : किसी शुभ काम में पंचक काल की अड़चन बीच आ रही हो तो करें ये उपाय

पंचक को बहुत ही अशुभ समय माना गया है. यहां तक कि किसी की मृत्यु के बाद पंचक काल में दाह संस्कार करने की भी मनाही है. लेकिन गरुड़ पुराण में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करके आप पंचक काल को भी बेअसर कर सकते हैं.

Update: 2021-07-20 04:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू शास्त्रों में किसी भी कार्य को करने के​ लिए शुभ और अशुभ समय का बहुत ध्यान रखा जाता है. ज्यादातर ज्योतिष विशेषज्ञ ग्रहों और नक्षत्रों की गणना करके शुभ मुहूर्त बताते हैं और कोई भी शुभ काम शुभ समय में ही करने की सलाह देते हैं. ज्योतिष शास्त्र में पंचक के दौरान कोई भी काम न करने की सलाह दी जाती है. जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि पर रहता है, उस समय को पंचक काल कहा जाता है.

पंचक को बहुत ही अशुभ समय माना गया है. यहां तक कि किसी की मृत्यु के बाद पंचक काल में दाह संस्कार करने की भी मनाही है. ऐसा माना जाता है कि पंचक काल में अंतिम संस्कार करने से उस घर में पांच अन्य सदस्यों की भी मौत होती है. लेकिन अगर कोई कार्य अति महत्वपूर्ण हो तो उसे पंचक के समय करने के लिए कुछ उपायों को करके पंचक के असर को बेअसर किया जा सकता है. गरुड़ पुराण में ऐसे कई उपायों के बारे में बताया गया है. आप भी जानिए इसके बारे में.
1. यदि किसी की मृत्यु के समय पंचक काल लगा हो और शव दाह करना अनिवार्य हो तो शव के साथ पांच आटे या कुश के पुतले बनाकर अर्थी के साथ रखने चाहिए और सभी का विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार करना चाहिए. माना जाता है कि इससे पंचक का प्रभाव बेअसर हो जाता है और घर के सदस्यों पर आया संकट टल जाता है.
2. यदि आप समय पर पंचक का उपाय नहीं कर पाएं हैं तो किसी पंडित से सलाह लेकर नदी के किनारे विधिवत रूप से भी पंचक का निदान करवा सकते हैं. इससे भी परिवार पर आए संकट की आशंका समाप्त हो जाती है.
3. य​दि आपका मकान बन रहा है और उसकी छत डलने का काम होना है और पंचक लग गया है तो मजदूरों को मिठाई खिलाकर आप छत डलवाने का काम शुरू करवा सकते हैं.
4. पंचक के समय लकड़ी खरीदने की मनाही होती है. लेकिन अगर आपके घर में किसी की शादी के समय लकड़ी का फर्नीचर आदि लेना हो, समय का अभाव हो और पंचक लग गया हो, तो गायत्री हवन करवाएं. इसके बाद खरीददारी का काम करें.
5. पंचक के दौरान अगर ईंधन का सामान खरीदना हो तो आटे का पंचमुखी दीपक जलाकर शिव मंदिर में रख आएं. इसके बाद ईंधन का सामान खरीदें.
6. पंचक के समय दक्षिण दिशा की यात्रा वर्जित मानी जाती है, लेकिन अगर यात्रा करना जरूरी हो तो हनुमान जी के मंदिर में पांच फल चढ़ाकर अपनी यात्रा प्रारंभ करें.


Tags:    

Similar News

-->