Garuda Purana : व्यक्ति को अवसाद की ओर धकेलती हैं ये 4 स्थितियां

गरुड़ पुराण में ऐसी तमाम स्थितियों के बारे में बताया गया है, जो व्यक्ति के जीवन में परेशानियां लाने वाली हैं. यदि सुखी जीवन चाहते हैं तो इन स्थितियों के कारण को समझें और उसे कभी पैदा ही न होने दें.

Update: 2021-09-10 06:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में महापुराण की संज्ञा दी गई है. आमतौर पर लोगों का मानना है कि गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद की तमाम स्थितियों के बारे में ही विस्तार से बताया गया है. लेकिन ऐसा नहीं है. गरुड़ पुराण में मानव जीवन को बेहतर करने के लिए तमाम बातें कही गई हैं. जीवन से जुड़ी कई तरह की समस्याओं की वजह को बताया गया है, ताकि उनको समय से समझकर दूर किया जा सके. साथ ही सुखी जीवन के लिए नीति और नियम के बारे में भी कहा गया है. यहां जानिए ऐसी 4 परिस्थितियों के बारे में जो व्यक्ति को अवसाद की ओर धकेलती हैं. इसलिए हमें उन कामों से बचना चाहिए जो इन स्थितियों को पैदा करती हैं.

1. गरुड़ पुराण के अनुसार वैवाहिक जीवन की नींव विश्वास पर टिकी होती है. इसलिए पति और पत्नी दोनों को ही इस बात का खयाल रखना चाहिए कि चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, कभी धोखा नहीं देंगे. यदि एक बार अगर आपने भरोसा तोड़ दिया तो कभी उसे वापस नहीं ला पाएंगे और अपने वैवाहिक जीवन को खुद ही बर्बाद कर देंगे. जीवनसाथी का धोखा व्यक्ति को मानसिक आघात पहुंचाता है. ऐसे में व्यक्ति डिप्रेशन की ओर कब चला जाता है, उसे इस बात का अहसास भी नहीं होता.
2. कहा जाता है कि पहला सुख निरोगी काया. लेकिन अगर आपको या आपके जीवनसाथी को कोई ऐसा रोग हो जाए, जिससे वो लंबे समय के लिए बिस्तर पर आ जाए, या जिसका कोई ठीक इलाज न हो, तो ऐसी परिस्थिति व्यक्ति को मानसिक रूप से तोड़ देती है. ऐसे में व्यक्ति अवसाद की ओर जाने लगता है. इसलिए इस तरह की परिस्थिति आने पर जीवनसाथी की पूरी लगन से सेवा करें और उसमें स्वस्थ जीवन जीने की आस जगाएं.
3. समाज में इंसान बहुत मेहनत से मान-सम्मान अर्जित करता है, लेकिन अगर ऐसे में उस व्यक्ति को अपने से छोटे व्यक्ति या छोटे पद के व्यक्ति से अपमानित होना पड़े तो इससे न सिर्फ दुख होता है, बल्कि अंदर से ग्लानि होती है. ऐसे परिस्थिति को व्यक्ति आजीवन याद रखता है. इसलिए समझदारी इसी में है कि अपने से छोटे व्यक्ति के साथ आप वाद और विवाद की स्थिति पैदा ही न होने दें.
4. कहा जाता है कि कोशिश तब तक करो, जब तक सफलता हासिल न हो. लेकिन ये कर पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं होता. बार बार असफल होने से भी व्यक्ति डिप्रेशन की ओर जाने लगता है. इस स्थिति से बचने का तरीका ये है कि आप अपने काम का विश्लेषण करके ये पता लगाएं कि कमी कहां पर है. उस कमी को सुधार कर सकारात्मक तरीके से फिर से मेहनत करें. तभी सफलता मिल सकती है.a


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