Ganesh Puja: बुधवार का दिन गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए उत्तम माना गया है, जानें गणेश के 108 नाम और मंत्र

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. इसके साथ ही चंद्रमा धनु राशि में गोचर कर रहा है. सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है और बुध ग्रह कन्या राशि में विराजमान है. ज्योतिष शास्त्र में बुध को कन्या राशि का स्वामी माना गया है

Update: 2021-09-14 15:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Wednesday Ganesh Puja: 15 सितंबर 2021 को बुधवार का दिन है. इस दिन हिंदू कैंलेडर के अनुसार कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं. पंचांग के अनुसार इस दिन भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. इसके साथ ही चंद्रमा धनु राशि में गोचर कर रहा है. सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है और बुध ग्रह कन्या राशि में विराजमान है. ज्योतिष शास्त्र में बुध को कन्या राशि का स्वामी माना गया है.

बुध ग्रह का संबंध बुद्धि से है. बुध ग्रह गणेश जी की पूजा से शुभ फल प्रदान करता है. इसलिए बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. बुधवार को इस आरती से गणेश जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं-
गणेश आरती (Ganesh Ji Ki Aarti)
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.
एकदन्त दयावन्त, चार भुजाधारी.
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी.
पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा.
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा.
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.
अँधे को आँख देत, कोढ़िन को काया.
बाँझन को पुत्र देत,निर्धन को माया.
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा.
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.
दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी.
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी.
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.
गणेश के 108 नाम (108 Names of Ganesh)
बुधवार के दिन भगवान गणेश जी के 108 नाम सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने में सहायक बताए गए हैं. इन नामों को सच्चे मन से जाप करने से भगवान गणेश जी का आर्शीवाद प्राप्त होता है.
1- बालगणपति
2- भालचन्द्र
3- बुद्धिनाथ
4- धूम्रवर्ण
5- एकाक्षर
6- एकदंत
7- गजकर्ण
8- गजानन
9- गजनान
10- गजवक्र
11- गजवक्त्र
12- गणाध्यक्ष
13- गणपति
14- गौरीसुत
15- लंबकर्ण
16- लंबोदर
17- महाबल
18- महागणपति
19- महेश्वर
20- मंगलमूर्ति
21- मूषकवाहन
22- निदीश्वरम
23- प्रथमेश्वर
24- शूपकर्ण
25- शुभम
26- सिद्धिदाता
27- सिद्धिविनायक
28- सुरेश्वरम
29- वक्रतुंड
30- अखूरथ
31- अलंपत
32- अमित
33- अनंतचिदरुपम
34- अवनीश
35- अविघ्न
36- भीम
37- भूपति
38- भुवनपति
39- बुद्धिप्रिय
40- बुद्धिविधाता
41- चतुर्भुज
42- देवदेव
43- देवांतकनाशकारी
44- देवव्रत
45- देवेन्द्राशिक
46- धार्मिक
47- दूर्जा
48- द्वैमातुर
49- एकदंष्ट्र
50- ईशानपुत्र
51- गदाधर
52- गणाध्यक्षिण
53- गुणिन
54- हरिद्र
55- हेरंब
56- कपिल
57- कवीश
58- कीर्ति
59- कृपाकर
60- कृष्णपिंगाक्ष
61- क्षेमंकरी
62- क्षिप्रा
63- मनोमय
64- मृत्युंजय
65- मूढ़ाकरम
66- मुक्तिदायी
67- नादप्रतिष्ठित
68- नमस्तेतु
69- नंदन
70- पाषिण
71- पीतांबर
72- प्रमोद
73- पुरुष
74- रक्त
75- रुद्रप्रिय
76- सर्वदेवात्मन
77- सर्वसिद्धांत
78- सर्वात्मन
79- शांभवी
80- शशिवर्णम
81- शुभगुणकानन
82- श्वेता
83- सिद्धिप्रिय
84- स्कंदपूर्वज
85- सुमुख
86- स्वरुप
87- तरुण
88- उद्दण्ड
89- उमापुत्र
90- वरगणपति
91- वरप्रद
92- वरदविनायक
93- वीरगणपति
94- विद्यावारिधि
95- विघ्नहर
96- विघ्नहर्ता
97- विघ्नविनाशन
98- विघ्नराज
99- विघ्नराजेन्द्र
100- विघ्नविनाशाय
101- विघ्नेश्वर
102- विकट
103- विनायक
104- विश्वमुख
105- यज्ञकाय
106- यशस्कर
107- यशस्विन
108- योगाधिप
गणेश जी के मंत्र
ॐ गं गणपतये नम:
वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ। निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥


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