04 फरवरी को मनाई जायेगी गणेश जयंती.....जानें इस दिन गणपति की पूजा का महाउपाय

सनातन परंपरा में प्रथम पूजनीय माने जाने वाले भगवान श्री गणेश जी की जयंती 04 फरवरी 2022 को मनाई जाएगी. गणेश जयंती (Ganesh Jayanti 2022) पर ऋद्धि-सिद्धि के दाता की पूजा में किन सरल उपायों को करने पर बरसेगी बप्पा की कृपा जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

Update: 2022-02-03 04:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश (Lord Ganesha) एक ऐसे देवता हैं, जिनकी साधना अत्यंत शुभ एवं फलदायी है. यही कारण है कि किसी भी शुभ कार्य को करते समय प्रथम पूजनीय माने जाने वाले गणपति की ही पूजा की जाती है. शुभ और लाभ के पर्याय माने जाने वाले गणपति की जयंती माघ मास (Magh Month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानि कि 04 फरवरी 2022 को मनाई जायेगी. गणपति (Ganpati) एक ऐसे देवता हैं, जिनकी पूजा करने से जीवन से जुड़ी सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में शुभता बनी रहती है. आइए गणेश जयंती (Ganesh Janaynti2022) के पावन पर्व पर जीवन से जुड़े सभी दु:खों को दूर और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए उनकी पूजा का सरल सनातनी उपाय जानते हैं. (फोटो : पिक्साबे डाट कॉम)

चतुर्थी तिथि 04 फरवरी 2022, शुक्रवार को प्रात:काल 04:38 बजे से लेकर 05 फरवरी 2022, शनिवार को प्रात:काल 03:47 मिनट तक रहेगी. देश की राजधानी दिल्ली में गणेश चतुर्थी पर गणपति की पूजा का विशेष शुभ मुहूर्त प्रातःकाल 11:30 से दोपहर 01:41 बजे तक रहेगा. वहीं मुंबई में गणपति भक्तों के लिए प्रात:काल 11:44 से दोपहर 02:01 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा.
गणेश जयंती के दिन विधि-विधान के साथ व्रत, पूजन और गणपति के जन्मकथा का कहने या फिर सुनने का विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है. गणेश जयंती के दिन आपकी पूजा का आपको पूरा फल प्राप्त हो और आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी हों इसके लिए गणपति की पूजा में नीचे दी गई बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए.
गणपति की पूजा में दूर्वा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि दूर्वा अमृत के समान होती है और कभी भी नष्ट नहीं होती है. ऐसे में गणेश जयंती के दिन दूर्वा चढ़ाने पर गणपति शीघ्र ही प्रसन्न होकर साधक की सभी मनोकामनाए पूरी करते हैं.
गणपति की पूजा में दूर्वा की तरह शमी की पत्तियों को चढ़ाने का भी महत्व है. शमी एक ऐसा पावन पौधा है जिसकी पत्तियां न सिर्फ भगवान शिव और शनिदेव को बल्कि मंगलमूर्ति श्री गणेश जी की पूजा में विशेष रूप से चढ़ाई जाती है. मान्यता है कि गणेश जी की पूजा में शमी की पत्तियां चढ़ाने पर साधक को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है.
गणपति की पूजा में अक्षत चढ़ाने का बहुत महत्व है, जिसके बगैर उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है. अक्षत उस पवित्र चावल को कहते हैं, जो टूटा न हो. ऐसे में गणेश जयंती पर आपको गणपति का आशीर्वाद पाने के लिए विशेष रूप से अक्षत का प्रयोग करना चाहिए.
किसी भी देवी-देवता की पूजा प्रसाद के बगैर अधूरी मानी जाती है. ऐसे में आपको गणपति की कृपा पाने के लिए गणेश जयंती पर उनका मनपसंद मिष्ठान यानि की लड‍्डू और मोदक जरूर चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने पर गणपति प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी करेंगे.


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